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उत्तर प्रदेश
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 आरोपियों को आजीवन कारावास
Ritisha Jaiswal
8 Aug 2022 3:36 PM GMT
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जीआरपी सिपाही हत्याकांड के मामले में जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व 10 साल की कठोर सजा के साथ ₹5 लाख की जुर्माना राशि की सज़ा का एलान किया है
जीआरपी सिपाही हत्याकांड के मामले में जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव समेत 7 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास व 10 साल की कठोर सजा के साथ ₹5 लाख की जुर्माना राशि की सज़ा का एलान किया है. वहीं कोर्ट ने सजा के सुनवाई मामले में दो अलग-अलग समय में कोर्ट में बुलाकर पूर्व सांसद और उनके सहयोगियों को सजा का कोर्ट ने ऐलान किया है. कोर्ट द्वारा सजा मिलने की खबर मिलते ही सांसद के समर्थकों में मायूसी छा गई.
जबकि पहली बार देखा गया कि बसपा के पूर्व सांसद बाहुबली उमाकांत यादव कोर्ट में जज के सामने फैसले से पहले भयभीत दिखाई दिए. यह कहना है अभियोजन पक्ष के जुड़े वकीलों का. 27 साल बाद जाकर मामले में कोर्ट से न्याय मिला है. 27 साल बाद न्याय मिलने के मामले में वकीलों का कहना है प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते न्याय मिलने में देरी हुई है. लेकिन अब दुरुस्त फैसला आया है.थाने से आरोपी को छुड़ाने के लिए किया था हमला, जिसमें मारा गया था सिपाही
बता दें कि जौनपुर के शाहगंज रेलवे स्टेशन पर बीते 4 फरवरी 1995 को जीआरपी सिपाही रघुनाथ सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था,तहरीर के आधार पर 2:00 बजे राइफल, पिस्टल और रिवाल्वर समेत अन्य लोगों से लैस होकर सभी आरोपी लॉकअप में बंद चालक राजकुमार यादव को जबरन छुड़ा ले गए। इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग में सिपाही अजय सिंह यादव की मौत हो गई थी।जबकि एक अन्य सिपाही, रेल यात्री गोली से घायल हो गए थे. तत्कालीन वक्त दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग से दीवारों में गोलियों की छेद हो गयी थी, वही रेलवे स्टेशन समेत आस-पास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया था.
दो मामलों में दो अलग-अलग सजाएं, 5 लाख जुर्माना भी
सज़ा के मामले के बारे में न्यूज़18 को जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता लाल बहादुर पाल ने बताया कि 27 साल पुराने मामले में कोर्ट ने 302 के मामले में पूर्व सांसद को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उमाकांत यादव के साथ अन्य 6 आरोपियों को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई है. 307 समेत अन्य मामले में 10 साल की कठोर सजा कोर्ट ने पूर्व सांसद उमाकांत यादव पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है. इसके साथ अन्य सभी आरोपियों पर 20 हज़ार रुपये का जुर्माना तय किया गया है. जुर्माने की आधी राशि जीआरपी के मृत कॉन्स्टेबल अजय सिंह के परिवार को दी जाएगी.
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घायलों 50-50 हज़ार देने की शासकीय अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि उनकी जानकारी में पहली बार उत्तर प्रदेश जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्वांचल के किसी बड़े बाहुबली पूर्व संसद को सजा सुनाई है।
डरा सहमा दिखाई दिया बाहुबली
27 साल पुराने मामले में सुनवाई को लेकर डीसीजी क्राइम ने अनिल कुमार सिंह ने न्यूज़ 18 को बताया कि न्याय की जीत हुई है। कोर्ट से जिला जेल जौनपुर भेजने की कोर्ट की प्रक्रिया की जा रही है. वकील और अभियोजन अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि बसपा के बाहुबली और पूर्व सांसद उमाकांत यादव आज कोर्ट में जज के सामने डरे, सहमे दिखाई दिए. अन्य सभी आरोपियों पर डर का भय था. सांसद के चेहरे कानून का डर एमपीएमएलए कोर्ट में जज शरद कुमार त्रिपाठी के सामने दिखाई दिया.
6 अगस्त को दोषी ठहराया गया था
मामले की सुनवाई को लेकर बताया गया कि बीच में पत्रावली एमपी, एमएलए कोर्ट प्रयागराज में चल गयी थी. इस पूरे मामले में पुनः हाई कोर्ट प्रयागराज के निर्देश पर पत्रावली जौनपुर दीवानी न्यायालय कोर्ट में स्थानांतरित की गई. यहां की एमपी एमएलए कोर्ट में फाइनल बहस सुनवाई में 6 अगस्त को दोषी करार दिया गया था, और आज सजा के मामले में कोर्ट ने सुनवाई का बड़ा ऐलान किया है. आजीवन कारावास व 10 साल की कठोर सजा 500000 की जुर्माना राशि दिए जाने को लेकर केस को देख रहे वकील ने मीडिया को न्याय की जीत बताएं.
Ritisha Jaiswal
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