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आगरा-मथुरा के तटीय इलाकों में हलचल, 24 घंटे में डेढ़ फीट बढ़ा जलस्तर

न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। आगरा के वाटरवर्क्स पर यमुना का जलस्तर बुधवार की सुबह 488.70 फीट पर पहुंच गया। वहीं, गोकुल बैराज से आगरा के लिए 26818 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे अभी और जलस्तर बढ़ेगा।
ताजनगरी में यमुना हिलोर मार रही है। 24 घंटे में वाटरवर्क्स पर जलस्तर डेढ़ फीट बढ़ गया है। गोकुल बैराज से बुधवार को 26818 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। ऐसे में एक तरफ यमुना प्रेमी नदी को पुराने स्वरूप में देखकर खुश हैं, तो दूसरी तरफ तटवर्ती इलाकों में हलचल बढ़ गई है।
पहाड़ों पर बारिश हो रही है। बैराजों पर पानी का दबाव बढ़ने पर गेट खोल दिए गए हैं। प्रतापपुरा पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित हो गया है। 24 घंटे बैराजों के डिस्चार्ज, यमुना और चंबल जलस्तर की निगरानी शुरू हो गई है। बुधवार को ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज से 5688 क्यूसेक डिस्चार्ज रहा। ओखला बैराज से 23988 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गोकुल बैराज से 26818 क्यूसेक डिस्चार्ज है।
मथुरा में भी यमुना का रौद्र रूप
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी राकेश कुमार के अनुसार वाटरवर्क्स पर मंगलवार को यमुना जलस्तर 487.20 फीट था, जो बुधवार सुबह 488.70 फीट हो गया है। पिछले 24 घंटे में नदी में करीब डेढ़ फीट पानी बढ़ा है। आगरा में बाढ़ का निशान 499 फीट पर है। उधर, मथुरा के पोइया घाट पर भी यमुना रौद्र रूप धारण कर रही है। यहां जलस्तर 164.53 मीटर है। बाढ़ का निशान 165.20 मीटर पर है। बाढ़ के खतरे से मथुरा में यमुना करीब एक मीटर दूर है।
नगला तल्फी में हलचल
यमुना किनारे बसे नगला तल्फी, मनोहरपुर, बाईंपुर, दयालबाग की कॉलोनियों में यमुना जलस्तर बढ़ने से हलचल शुरू हो गई है। लोग जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। दयालबाग के डूब क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों बसने से बाढ़ की चिंता सता रही है। यहां 2010 में बाढ़ आ चुकी है। यमुना डूब क्षेत्र में जिले के 40 से अधिक गांव आते हैं।
चंबल में उतार-चढ़ाव जारी
दूसरी तरफ चंबल नदी में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में चंबल 0.60 मीटर घट गई है। यहां बुधवार को जलस्तर 115 मीटर रहा। मंगलवार को 115.60 मीटर था। पिनाहट में लाल निशान 130 मीटर है। उधर, धौलपुर में भी चंबल में पानी उतर रहा है। कोटा बैराज से पिछले सप्ताह 1.54 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
