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लखनऊ न्यूज़: लखनऊ में 11 नो पार्किंग जोन में वाहन चालकों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है.तीन जोन ऐसे हैं, जहां वाहन चालक सबसे ज्यादा नो पार्किंग में वाहनों को खड़ा करते मिले हैं.इनमें सबसे पहले नंबर पर हजरतगंज तो दूसरे पर आलमबाग क्षेत्र, वहीं तीसरे पर गोमतीनगर जोन में सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग पाई गई।
शहर में सड़क किनारे अवैध पार्किंग से जाम से छुटकारा दिलाने के लिए डीसीपी ट्रैफिक की ओर से 14 जुलाई को 11 नो पार्किंग जोन घोषित किए गए.इस बीच दस दिनों तक हर जोन में वाहनों की पार्किंग नहीं करने के लिए वाहन सवारों को जागरूक किया गया.इसके बाद 24 जुलाई से नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों के खिलाफ चालान करने और क्रेन से वाहनों को उठाने का सिलसिला शुरू हुआ.इस सप्ताह बाद यह सामने आया कि तीन जोन ऐसे है, जहां सबसे ज्यादा नो पार्किंग में वाहन खड़े हो रहे हैं।
ट्रैफिक कर्मियों को सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने दिए हैं।
इन क्षेत्रों में सड़क पर पार्किंग करना महंगा पड़ेगा गौतमपल्ली चौराहे से हजरतगंज और अटल चौराहे से मेफेयर तक, अल्का तिराहा से सेंट फ्रांसिस स्कूल, गोल्फ चौराहे से वीवीआईपी गेस्ट हाउस, आलमबाग बस अड्डा के सामने, बापू भवन चौराहे से नत्था तिराहे तक, दुबग्गा तिराहे से छन्दौईया, कमता तिराहा से बीबीडीयू तक नो पार्किंग में खड़े वाहन पर11 सौ रुपये के चालान काटे जाएंगे।
आठ वाहन उठाए, 161 के चालान
नो पार्किंग में खड़ी आठ गाड़ियां उठाई गईं.इनमें उत्तर प्रदेश शासन, एडवोकेट हाईकोर्ट लिखा था.अभियान के दौरान 161 गाड़ियों का चालान हुआ.11 नो पार्किंग जोन से बीते पांच दिनों में 400 वाहन क्रेन से उठाए गए.1400 के करीब वाहन का चालान काटा गया।
नो पार्किंग वाले बाजारों में आधे घंटे की छूट मिले
राजधानी के11 नो पार्किंग जोन अंतर्गत आने वाले बाजारों में वाहनों को आधे घंटे की पार्किंग में छूट मिलना चाहिए.परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त अपर परिवहन आयुक्त आईटी देवेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि नो पार्किंग व्यवस्था स्वीकार है.मगर चंद मिनट के लिए बाजार में काम होने पर कम से कम आधे घंटे की छूट मिलनी चाहिए, अन्यथा सीधा असर व्यापारियों के कारोबार पर भी पड़ेगा।