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दो साल में एक हजार से ज्यादा को लगा डेंगू का डंक, यह सिर्फ सरकारी आंकड़े
आगरा न्यूज़: मच्छर जनित रोग कम हो रहे हैं. यह कुछ मायनों में सही है, लेकिन डेंगू के मामले में यह सच नहीं है. बीते दो सालों में डेंगू के एक हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. यह सरकारी आंकड़े हैं. असल संख्या इनसे कई गुना अधिक हो सकती है, इसलिए बचाव ही इलाज है.
मच्छर से फैलने वाली तीन प्रमुख बीमारियां हैं. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया. शरीर तोड़ बुखार वाला चिकनगुनिया अब नहीं है. तीन साल से इसका कोई पुष्ट मरीज नहीं आया है. 2020 के बाद कोई मरीज दर्ज नहीं किया गया. यानि इसे अब खत्म माना जा सकता है. दूसरे नंबर पर है मलेरिया. इसके मरीजों की संख्या में भी साल-दर-साल कमी आ रही है. हालांकि यह पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. 2018 में इसके 82 मरीज चिह्नित किए गए थे. जबकि 2022 में सिर्फ 11 मरीज सामने आए. इस सीजन अभी तक एक भी रोगी नहीं है. अब खतरा सिर्फ डेंगू का है. दो साल पहले इसने कहर बरपाया था. अस्पतालों में बेड भर गए थे. क्लीनिक में बेंच लगाकर मरीजों का इलाज किया गया. तमाम मौतें भी हुईं. हर प्रमुख अस्पताल से रोज मरीजों के शव बाहर आते रहे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास इसका रिकार्ड नहीं है. विभाग ने इस त्रासदी को अनजाना बुखार कहकर टाल दिया था. वर्ष 2021 में डेंगू के 1161 मरीज आए. जबकि 2022 में कुल 33 मरीज सामने आए. इस सीजन अभी तक डेंगू, मलेरिया का कोई मरीज नहीं आया है. हालांकि इससे रोग की आशंका खत्म नहीं हो जाती.
साफ पानी जमा होने पर खतरा
जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार बताते हैं कि घरों या आसपास साफ पानी जमा होने पर डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. इसमें ही डेंगू फैलाने वाले मच्छर पनपते हैं. अगर यह मच्छर कहीं से संक्रमित हो गए तो बहुत तेज रफ्तार के साथ संक्रमण फैलाते हैं. आगरा में संक्रमित मच्छर नहीं हैं, लेकिन बाहरी मरीजों से मच्छर संक्रमित हो जाते हैं.
पानी की टंकी और कूलर सबसे अधिक संवेदनशील हैं. इन्हीं दोनों में अक्सर लार्वा मिलता है. इनके अलावा घर के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, पुराने टायर, गमलों में अक्सर साफ पानी भरा रहता है. इन्हें साफ करते रहें. दरवाजे, खिड़कियों पर जालियां लगवाएं. मच्छरदानी का प्रयोग करें.-डॉ. एमएस प्रजापति, नोडल अफसर वीबीडी
मच्छर और रोग
● क्यूलेक्स यह आगरा का प्रमुख मच्छर है. यह नाले, नालियों में रहता है. इसके काटने से कोई बीमारी नहीं होती, लेकिन खुजली होती है. काटने वाले स्थान पर दाने भी पड़ सकते हैं.
● एनाफिलीज- इस प्रजाति की आबादी बहुत कम है. यह मच्छर दूसरे नंबर पर है. लेकिन, संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया होता है. तीन से चार साल पहले इसकी बहुतायत थी.
● एडीज- इस मच्छर की आबादी तीसरे नंबर पर है. यह साफ पानी में रहता है. यह बारिश के सीजन में जुलाई के बाद प्रमुखता से देखा जाता है. संक्रमित होने पर यह डेंगू फैलाता है.