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लखनऊ न्यूज़: राजधानी में कूड़े उठान की व्यवस्था भी पटरी से उतर गयी है. गली मोहल्लों से लेकर कूड़ा जिस पीसीटीएस में एकत्रित किया जाता है अब वो भी खराब हो गये हैं. करीब 60 प्रतिशत पीसीटीएस खराब हो गये हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर कूड़े का ढेर होता जा रहा है. पीसीटीएस खराब होने पर ईको ग्रीन कम्पनी पर फिर पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है.
घर घर से कूड़ा उठाने के बाद इसे पड़ाव स्थल पर लगे पीसीटीएस पर ले जाया जाता है. जहां इसे मशीन में समेटा जाता है. जिससे कूड़ा कम हो जाता है. शहर भर में सड़कों के किनारे ऐसे 84 पीसीटीएस लगाए गए थे. लेकिन इनमें से 60 प्रतिशत यानी लगभग 50 खराब हो गये हैं. जिसकी वजह से शहर में कूड़ा बिखरा पड़ा है. कम्पनी इन्हें सही नहीं करा रही है. अमीनाबाद, मॉडल हाउस, अलीगंज, ऐशबाग, दयानिधान पार्क, बासमण्डी क्षेत्र में कचरा सड़कों पर बिखरा पड़ा है. जोन एक जोनल सेनेटरी अफसर को भी निरीक्षण में कई पीसीटीएस खराब मिले हैं. कुछ जगहों से पीसीटीएस मशीनें ही हटा दी गयी हैं. जिससे यहां ओपन डम्पिंग स्थल बन गया है. जोनल सेनटरी अफसर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि खुले में कूड़ा डालने की वजह से पर्यावरण दूषित हो रहा है.
कूड़ा भी नहीं उठ रहा है:
ईको ग्रीन कम्पनी कूड़ा उठाने में फिर लापरवाही कर रही है. 70 प्रतिशत से अधिक घरों से कूड़ा नहीं उठ पा रहा है. जिसकी वजह से दिक्कतें हो रही हैं. लोग खाली प्लाटों में कूड़ा डाल रहे हैं. ऐसे में इलाके में गंदगी फैल रही है. राहगीरों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है.
ईको ग्रीन पर लगाया पांच लाख का जुर्माना:
पीसीटीएस खराब होने तथा खुले में कूड़ा डालने के चलते ईको ग्रीन कम्पनी पर एक बार फिर जुर्माना लगाया गया है. जोन एक के जोनल सेनेटरी अफसर ने कम्पनी पर पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया है. इसी के साथ उसे पीसीटीएस भी सही कराने का निर्देश दिया गया है.