उत्तर प्रदेश

एक साल में गई 16,500 से अधिक लोगों की सांप के काटने से गई जान, जानें सर्पदंश से बचाव और उपाय

Renuka Sahu
16 July 2022 4:48 AM GMT
More than 16,500 people lost their lives in a year due to snake bite, know the prevention and remedy of snakebite
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फाइल फोटो 

ताजनगरी के कीठम सेंचुरी के घने जंगलों में कदम-कदम पर अजगर हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ताजनगरी के कीठम सेंचुरी के घने जंगलों में कदम-कदम पर अजगर हैं। आगरा में15 प्रजातियों के सांपों का घर है। उप्र में सर्पदंश से पिछले साल 16 हजार से अधिक लोगों की जान गई है। इन मृत्यु के पीछे सबसे बड़ा कारण झाड़ फूंक, ओझा, देवीय पूजा होना पाया गया है। सही जानकारी हो तो अलग-अलग सर्प की एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन मौजूद है।

कोबरा और कॉमन क्रेट जहरीले हैं। अन्य इंडियन रैट स्नेक, रेड सैंड बोआ, कॉमन सैंड बोआ, इंडियन रॉक पायथन (अजगर), ब्लैक-हेडेड रॉयल स्नेक, कॉमन इंडियन वुल्फ स्नेक, कॉमन कैट स्नेक और चेकर्ड कीबैक गैर विषैले सांप हैं। पर्यावरणविद व सर्प विशेषज्ञ विपिन कुमार सैनी का दावा है कि पश्चिमी की तुलना में पूर्वांचल के सर्प अधिक विषैले हैं। पूर्वांचल में 9500 से अधिक, पश्चिमांचल में 1500 से अधिक, उत्तरी क्षेत्र में 1890 से अधिक और बुंदेलखंड में 3890 से अधिक लोगों की सर्पदंश से मृत्यु हुई है।
सांप के काटने के प्रभाव से बचने के उपाय
- घबराएं नहीं शांत रहें। दंश हमेशा घातक नहीं होता। भागदौड़ न करें। इससे खून का दौरा बढ़ता है, जिससे जहर तेजी से फैलता है।
- दंशित अंग को हिलाएं डुलाएं नहीं। पैर में काटा हो तो लेट जाएं। हाथ में काटा हो ता पट्टी बांधकर लटका दें।
- दंश स्थान के ऊपर खून रोकने के लिए रुमाल, रस्सी (यथा संभव चौड़ी चीज चुनें) बांध दें। बहुत कसकर न बांधें गैंग्रीन का खतरा हो सकता है। सांप काटे दो घंटे हो चुके हों तो न बांधें।
- खाली सिरिंज के अगले भाग को काटकर बेलननुमा बना लें। दंश वाले स्थान पर लगाकर जहर खींचें। तुरंत करने पर काफी हद तक बचाव संभव है।
- सर्प दंश स्थान को काटे नहीं इंफेक्शन या अधिक रक्तस्त्रत्तव हो सकता है।
- ऐंटीसेप्टिक अथवा सादा पानी से घाव को धो लें।
- कम से कम भागदौड़ के अस्पताल पहुंचें। बायगीरों के चक्कर में समय नष्ट न करें। एकमात्र इलाज एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन है।
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