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लोकल सरकार में 15 लाख से अधिक के काम नहीं हो पा रहे मंजूर
गोरखपुर: शहर की अपनी सरकार के नुमाइंदे वैसे तो 13 मई को ही चुन लिये गए थे, लेकिन शपथ ग्रहण 27 मई को हुआ था. नगर निगम के महापौर और पार्षदों के शपथ ग्रहण को 70 दिन से अधिक हो गए हैं, लेकिन लोकल सरकार की पहली बैठक ही नहीं हो सकी है. ऐसे में 15 लाख से अधिक के काम की मंजूरी ही नहीं हो पा रही है. इतना ही नहीं 70 से 80 वार्ड होने के बाद भी सफाई कर्मचारियों की संख्या भी नहीं बढ़ाई जा सकी है.
नगर निगम की पहली बैठक 21 जून को हुई तो थी लेकिन शोक सभा के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो सकी. भाजपा, सपा, बसपा के साथ ही निर्दल पार्षद भी महापौर से बोर्ड बैठक कराने की गुहार कर चुके हैं, लेकिन कोई न कोई पेंच से बोर्ड बैठक टल रही है. पहली बोर्ड बैठक में ही कार्यकारिणी के 12 सदस्यों का चुनाव भी होना है. भाजपा बोर्ड को लेकर कुछ अधिक ही बेपरवाह है. सपा ने तो अशोक यादव को पार्षद दल का नेता चुन भी लिया है, लेकिन भाजपा अभी तक पार्षद दल का नेता तक नहीं चुन सकी है. सपा पार्षद जियाउल इस्लाम का कहना है कि ‘15 लाख तक के काम कार्यकारिणी में मंजूर होते हैं, और 30 लाख से अधिक के कार्य को मंजूर करने का अधिकार बोर्ड को है. कार्यकारिणी का गठन के साथ ही बोर्ड बैठक नहीं होने से जरूरी काम अटके हुए है. पहली बार पहली बैठक में इतना समय लग रहा है. संवैधानिक व्यवस्था की परवाह न तो अधिकारियों को है न ही महापौर को.’
भाजपा पार्षद और पूर्व उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा का कहना है कि ‘बोर्ड बैठक के लिए औपचारिकता जरूरी है, लेकिन सामान्य बैठक तो ही हो सकती है. पार्षदों के प्रस्ताव पर सुनवाई होनी चाहिए. तीन जरूरी प्रस्ताव दिया हूं, लेकिन उसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.’