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Moradabad: एम्स बनने से विशेष इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा
मुरादाबाद: मेडिकल कॉलेज में हर साल नौ लाख से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. इनमें मेरठ के अलावा आसपास के करीब 14 जिलों के मरीज भी शामिल होते हैं. एम्स बनने से इन मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराने की राह आसान होगी. उन्हें विशेष इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा.
पश्चिमी यूपी के इस मेडिकल कॉलेज में हर दिन हजारों मरीज उपचार के लिए इस भरोसे यहां आते हैं कि उन्हें बेहतर उपचार मिलेगा. यहां तीन मंडलों के मरीज उपचार के लिए अलग-अलग जिलों से आते हैं. यहां हर दिन जो ओपीडी होती है वह तीन से साढ़े तीन हजार मरीजों की होती है. लेकिन कई बार विशेषीकृत चिकित्सा सुविधा न होने के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है. काफी मरीज ऐसे भी होते हैं जो दिल्ली या नोएडा के महंगे संस्थानों में इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाते, वह बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं.
100 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक इसी साल: मेडिकल कॉलेज में सौ बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक बन रहा है. इसमें हर बेड पर वे सारी सुविधाएं मिलेंगी जो आईसीयू में होती हैं. इसका निर्माण प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत किया जा रहा है. इसमें मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार का इलाज मिल जाएगा. क्रिटिकल केयर ब्लॉक में टीबी, निमोनिया, सांस, गुर्दा आदि गंभीर बीमारियों के मरीजों को भर्ती किया जाएगा. साथ ही सर्जरी विभाग से संबंधित आपरेशन भी होंगे.
14 करोड़ से बनेगा स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर: मेडिकल कॉलेज में स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर बनाने की तैयारी है. इसके लिए नई इमरजेंसी के सामने पुरानी बिल्डिंग के बगल में एक हजार स्क्वायर मीटर जमीन का चयन कर लिया गया है. इसके निर्माण पर 14 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसकी इमारत दो मंजिला होगी. इस सेंटर में चोट की जांच के साथ ही इलाज और ऑपरेशन की सारी सुविधा मिलेगी.