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Moradabad: मालखाने में रखी 25 करोड़ की पुरानी करेंसी क्यों नहीं पहुंची ट्रेजरी
मुरादाबाद: परतापुर थाने के मालखाने में रखी 25 करोड़ 5 लाख रुपये की पुरानी करेंसी ट्रेजरी क्यों नहीं जमा कराई गई, इसे लेकर एसएसपी मेरठ ने जांच बैठा दी है. इस मामले में नोटों की बरामदगी से लेकर अभी तक तैनात रहे सभी थाना प्रभारियों और संबंधित पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किए गए हैं. इनमें से कुछ पुलिसकर्मियों ने अपने बयान भी दर्ज कराए हैं. भी एक दरोगा ने एसपी ट्रैफिक के कार्यालय पर बयान दर्ज कराए और बताया कि उनके समय पर पत्राचार करते हुए सूचना भेजी गई थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. भारत सरकार ने वर्ष 2016 में 1000 हजार और पांच सौ रुपये के नोट पूरी तरह से चलन से बाहर कर दिए थे. इस दौरान सभी नोट को बैंकों में जमा कराने के लिए निर्देश दिए गए थे, जिनके बदले में दो हजार और पांच सौ रुपये के नए नोट दिए गए थे. इसी दौरान दिसंबर 2017 में परतापुर थानाक्षेत्र में दिल्ली रोड पर राजकमल एन्क्लेव निवासी बिल्डर संजीव मित्तल के ऑफिस से पुलिस टीम ने छापा मारकर 25 करोड़ पांच लाख रुपये की पुरानी करेंसी बरामद की थी. ये सभी नोट एक हजार और पांच सौ वाले थे. बोरियों में भरकर नोट रखे गए थे और इन्हें नेपाल में भेजने की तैयारी की जा रही थी.
इस मामले में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी के आदेश पर संजीव मित्तल के खिलाफ परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था और चार्जशीट दाखिल की गई है.
बिल्डर के ठिकाने से बरामद हुए थी रकम: 2016 में जब सरकार ने नोटबंदी की घोषणा कर दी थी और 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. तब बिल्डर और स्थानीय नेता संजीव मित्तल के ठिकाने से 25 करोड़ के नोट बरामद हुए थे. इस मामले में 4 लोगों को अरेस्ट किया गया था. बिल्डर परिवार सहित फरार हो गया था. इस मामले में पुराने नोटों को सील कर परतापुर थाने में रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट से संजीव मित्तल को स्टे मिल गया था. फिलहाल मामला हाई कोर्ट में चल रहा है और फैसले का इंतजार है.
एसएसपी ने बैठाई जांच: इस मामले में रकम अभी तक ट्रेजरी नहीं जाने को लेकर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जांच बैठा दी है. जांच अधिकारी एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र सिंह को बनाया गया है. उनके यहां से पूर्व में तैनात रहे परतापुर के तमाम थाना प्रभारियों, मालखाना प्रभारी आदि को नोटिस भेजे गए हैं.
थानेदार बदले: परतापुर थाने में वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2024 तक इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर, सतीश कुमार, दीपक शर्मा, सुशील दूबे समेत थानेदार बदल गए, लेकिन यह बरामद पुरानी करेंसी आज भी थाने के मालखाने में रखी है. आज तक ये रकम ट्रेजरी में जमा नहीं कराई गई.