उत्तर प्रदेश

Moradabad: मुरादाबाद में अवैध कब्जों की भरमार, अफसर चुप

Admindelhi1
3 Jun 2024 7:48 AM GMT
Moradabad: मुरादाबाद में अवैध कब्जों की भरमार, अफसर चुप
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सडीएम स्तर अवैध कब्जों को मुक्त करवाने में रुचि नहीं जा रही है.

मुरादाबाद: मुरादाबाद में अवैध कब्जों की भरमार है. अफसर उन्हीं में रुचि लेते हैं जहां उनकी रुचि होती है वर्ना पुलिस नहीं मिलने, समय नहीं होने के बहाने बनाते हैं. राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे ने जब अवैध कब्जों पर सवाल किए तो तमाम अफसरों की जुबान पर ताला लग गया. एसडीएम स्तर अवैध कब्जों को मुक्त करवाने में रुचि नहीं जा रही है.

पूर्व में प्रदेश के जिलों में इस तरह के मामले होने के बाद भी इस पर रुचि नहीं ली जा रही है. इससे आशंका और बढ़ती है. मुरादाबाद में प्रत्येक तहसील में अवैध कब्जों के तमाम एप्लीकेशन रद्दी की टोकरी मे डाल दिए जाते हैं. मुरादाबाद सदर तहसील में सबसे ज्यादा मामले हैं. कब्जे न हटाने में घोर लापरवाही सामने आ रही है. फर्जी मुकदमेबाजी विवादों को जन्म दे रही है और अफसर आंखें मूंदे हैं. राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे से जब सवाल किया कि 145 के तहत कितने मामले दर्ज हुए हैं तो सिर्फ मुरादाबाद से दो मामलों की जानकारी दी जा सकी इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी नाजुक है. योगी सरकार इसी वजह से अफसरों को प्रदेश के जनपदों में भेज रही है जिससे इस समस्या का समाधान निकाला जा सके. इसी तरह धारा 133 में एक भी मामला मुरादाबाद में राजस्व परिषद के चेयरमैन को नहीं बताया जा सका. सीआरपीसी की धारा 133 में जब किसी जिला मजिस्ट्रेट या उप खंड मजिस्ट्रेट का या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट का किसी पुलिस अधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट या अन्य सूचना से प्राप्त जानकारी होने पर वह एक्शन लेगा.

इस तरह से 145 के तहत प्रक्रिया: सीआरपीसी में 145 के तहत वह प्रक्रिया होती है जहां भूमि या जल से संबंधित विवाद से शांति भंग की संभावना होती है. मजिस्ट्रेट का दायित्व है कि वह पुलिस रिपोर्ट या किसी अन्य जानकारी से संतुष्ट होने के बाद शांति भंग की आशंकाओं के चलते आदेश देता है. ऐसे विवादों में दोनों पक्षों को एक निर्दिष्ट स्थान पर निश्चित समय पर स्वयं अथवा वकील के माध्यम से उपस्थिति होना होता है.

जमीन से जुड़े अवैध कब्जों के मामले में त्वरित एक्शन आवश्यक है. धारा 145 और 133 के तहत हम समीक्षा करेंगे और देखेंगे कि स्थिति में कितना सुधार किया गया. जो अधिकारी लापरवाही करेंगे उनके विरुद्ध भी एक्शन लिया जाएगा. शासन की मंशा की अनुरूप ही सभी अफसरों को कार्य करना होगा. -आन्जनेय कुमार सिंह मंडलायुक्त मुरादाबाद.

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