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मुरादाबाद: मंदिर के पुजारी को दुष्कर्म के आरोप में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई
मुरादाबाद क्राइम अपडेट: जिले कुंदरकी के ईधनपुर नगला में मंदिर के पुजारी को दुष्कर्म के आरोप में 7 साल कारावास की सजा मिली है। सोमवार को पुजारी को गांव की किशोरी का अपहरण व दुष्कर्म का दोषी करार दिया गया है। एससी एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार प्रथम ने सजा के साथ दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक आनंद पाल सिंह ने बताया कि मामले में दोषी दलित पीड़िता को दवा के बहाने अगवा कर गढ़मुक्तेश्वर ले गया था। तीन दिन बाद लौटी पीड़िता ने परिजनों से शिकायत की। जिले के कुंदरकी के हासा नगला की किशोरी के पिता ने 11 जुलाई को मूढ़ापांडे के सुल्तानपुर निवासी मंदिर पुजारी रविन्द्र पुरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। सात जुलाई को पीड़िता की तबीयत खराब रहने के चलते उसके मां-बाप उसे लेकर पुजारी के पास पहुंचे, जहां वह जड़ी बूटी से बीमारी का इलाज करते। आरोप है कि पुजारी ने परिजनों दवा तैयार करने की बात कहकर बहाने से बाद में आने को कहा। इसके बाद पुजारी किशोरी को अगवाकर गढ़ ले गया। बाद में पहुंचे परिजनों ने मंदिर का ताला देखा तो किशोरी की तलाश शुरू की। किशोरी तीन दिन बाद घर लौटी तो सारी बात बताई। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को हुसैनपुर स्थित एक मंदिर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
केस की सुनवाई एससीएसटी कोर्ट के विशेष न्यायधीश सुनील कुमार की अदालत में हुई। विशेष लोक अभियोजक आनंद पाल सिंह ने दलील दी कि किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म किया गया। कोर्ट में पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट आदि में भी घटना की पुष्टि हुई है। अदालत ने दोनों पक्ष सुनने के बाद पुजारी को दोषी मानते हुए सात साल के कठोर कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। जुर्माने की आधी रकम प्रतिकर के रूप में पीड़िता को देने के आदेश दिए गए हैं।