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उत्तर प्रदेश
पूर्व विधायक का आमरण अनशन, पुलिसकर्मियों ने से जबरन पहुंचाया अस्पताल, देखिए वीडियो
jantaserishta.com
6 Nov 2021 3:40 AM GMT
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सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद ही आमरण अनशन शुरू कर दिया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की गौरीगंज विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कुछ रोज पहले ही विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद सरकार पर दबाव बढ़ाने की कोशिश में राकेश प्रताप सिंह ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद लखनऊ में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया.
सपा नेता राकेश प्रताप सिंह 3 नवंबर से आमरण अनशन पर थे. राकेश प्रताप सिंह दो सड़कों का पुनर्निर्माण कराए जाने की मांग को लेकर 31 अक्टूबर से धरना दे रहे थे. 5 नवंबर को लखनऊ में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दे रहे राकेश प्रताप सिंह के स्वास्थ्य की जांच के लिए टीम पहुंची. मेडिकल टीम ने सपा नेता से साफ कहा कि उन्हें अनशन जल्द तोड़ देना चाहिए.
#उत्तर_प्रदेश_सरकार_की_तानाशाही
— Rakesh Pratap Singh (@rpsmlagauriganj) November 5, 2021
मैं अपने अनशन के पहले दिन से लोकतांत्रिक तरीक़े से अनशन पर था, ना मेरी ओर से ना मेरे समर्थकों की ओर से कोई ऐसा कृत किया गया जिससे सामाजिक संतुलन बिगड़े।
शासन व प्रशासन द्वारा मुझे जबरन सिविल अस्पताल लाया गया और मेरे दोनो हाथ बांधकर जबरन ड्रिप लगाई pic.twitter.com/XKqsqFpjEy
मेडिकल टीम की सलाह के बावजूद राकेश प्रताप सिंह आमरण अनशन खत्म करने को तैयार नहीं थे. बाद में पुलिस प्रशासन ने राकेश को एम्बुलेंस के जरिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया. राकेश को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. राकेश प्रताप सिंह ने इस संबंध में एक के बाद एक ट्वीट किए. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर चेकअप के बाद जबरन सिविल अस्पताल ले जाए जाने का आरोप लगाया और इसे अपने मूल अधिकारों के खिलाफ बताया.
राकेश प्रताप सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि उनके दोनों हाथ बांधकर जबरन ड्रिप लगाई गई. उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और सवालिया लहजे में कहा कि क्या अपनी जनता के लिए आवाज उठाना गुनाह है? क्या हमारे लोकतंत्र में जनहित के लिए कोई जगह नहीं है? मैं पूछता हूँ इस सरकार से.
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