उत्तर प्रदेश

लापता महिला फिल्मी कहानी की तरह परिजनों को मिली

Admin Delhi 1
20 May 2023 8:36 AM GMT
लापता महिला फिल्मी कहानी की तरह परिजनों को मिली
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मथुरा न्यूज़: सात वर्ष पहले लापता तीन बच्चों की मां परिजनों को फिल्मी कहानी की तरह मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर मिल गई. महिला वर्ष 2017 में हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव में लापता हो गई थी. मायके वालों ने ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करा दिया था. महिला की बड़ी बहन के बयानों के आधार पर ससुराल वालों की गिरफ्तारी नहीं हुई थी. जीआरपी ने महिला को सिकंदराराऊ थाना पुलिस के हवाले कर दिया है.

हाथरस जनपद के ग्राम नगलाबूढ़ थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र में रहने वाली राजकुमारी पत्नी सुनेहरी बघेल 24 अप्रैल 2017 की रात को अचानक लापता हो गई. पति सुनेहरी ने पत्नी के लापता हो जाने की रिपोर्ट सिकंदराराऊ थाने में दर्ज कराई, जिसमें उसने कहा कि उसकी पत्नी को गौरव नामक युवक बहला फुसला कर अपने साथ ले गया है. गौरव कौन है, कहां रहता है, इस बारे में सुनेहरी कोई जानकारी पुलिस को नहीं दे सका. सिकंदराराऊ पुलिस राजकुमारी की तलाश करती रही.

इसी बीच मायका पक्ष ने ससुराल वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी और आरोप लगाया कि ससुराल वालों ने राजकुमारी की हत्या कर शव को गायब कर दिया है. राजकुमारी की बड़ी बहन सीमादेवी की शादी सुनेहरी के बड़े भाई विजय सिंह के साथ हुई थी. सीमा ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन खुद घर से गई है. ससुराल वालों का इसमें कोई दोष नहीं है. बड़ी बहन के बयानों के बाद सिकंदराराऊ पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की.

मथुरा जंक्शन पर पहचान होने पर हुआ हंगामा की रात एक बजे जंक्शन रेलवे स्टेशन पर जम्मू कटरा एक्सप्रेस से कुछ यात्री उतरे और वह प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंचे. इनमें राजकुमारी का जेठ विजय और उसका बेटा करन सिंह भी थे. तभी करन सिंह ने विजय सिंह को बताया कि उसने चाची राजकुमारी को प्लेटफार्म पर देखा है. विजय सिंह तुरंत ही उस महिला के पास पहुंचा और उसकी पहचान सात वर्ष पूर्व लापता हुई राजकुमारी के रूप में कर ली. राजकुमारी के साथ आधा दर्जन से अधिक महिला-पुरुष थे, जिनमें से एक युवक जिसका नाम बृजमोहन पुत्र ज्योत सिंह था उसे राजकुमारी ने अपना पति बताया. रात के समय प्लेटफार्म पर हंगामा होने की सूचना पर जीआरपी मौके पर पहुंची और सभी लोगों को थाने ले गई.

एक वर्ष के बच्चे का भी नहीं किया खयाल राजकुमारी जिस समय घर छोड़ कर गई तब उसके तीन बेटे थे. उसकी बड़ी बहन सीमादेवी ने बताया कि राजकुमारी जब घर से गई थी तब अजीत एक वर्ष का था. उसने ही उसका लालन पालन किया है.

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