- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- अल्पसंख्यक संस्थाओं को...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डीएलएड अल्पसंख्यक संस्थानों को अपनी सीटों का ब्योरा देना होगा. इन संस्थानों में 50 फीसदी प्रवेश स्वयं संस्थान लेता है. शेष प्रवेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी की केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया से होते हैं. वर्तमान में की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अल्पसंख्यक संस्थानों ने जो प्रवेश 50 फीसदी कोटे से लिए हैं, उनके बारे में परीक्षा प्राधिकारी नियामक को जानकारी नहीं दी है. इन संस्थानों को 28 तक का मौका दिया गया है.
प्रदेश में कुल अल्पसंख्यक डीएलएड संस्थानों की संख्या 76 है, जिनमें से कानपुर में चार हैं. वैसे प्रदेश में कुल डीएलएड निजी संस्थानों की संख्या 3087 और जिला प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) की संख्या 67 है. इनमें अल्पसंख्यक सीटों की संख्या 2.45 लाख से अधिक है. संस्थानों को छात्रों का पूरा ब्योरा फॉर्म में भरना होगा. इसमें सम्बंधित छात्र का फोटो, हस्ताक्षर व अन्य विवरण भरना होगा. इसके बाद अल्पसंख्यक संस्थानों के ऑनलाइन फीड किए गए अभ्यर्थियों की सूची, ऑनलाइन आवेदन का प्रिंट आउट एवं अन्य अभिलेख सम्बंधित जनपद के डायट के सामने अभिलेखीय मिलान के लिए देने होंगे. डायट के स्तर से अभिलेखों का मिलान किया जाएगा. उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी का कहना है कि जो भी प्रवेश संस्थानों में लिए जाते हैं वह तब ही मान्य होते हैं जब डायट उनका सत्यापन कर देता है. छात्रों का हित सुरक्षित रहे इसलिए संस्थानों को समय सीमा में इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करा लेना चाहिए.
छात्रों का पूरा ब्योरा फॉर्म में भरना होगा
अल्पसंख्यक संस्थानों को छात्रों का पूरा ब्योरा फॉर्म में भरना होगा. फिर डायट स्तर से अभिलेखों का मिलान होगा. डायट अल्पसंख्यक कोटे के लिए प्रवेश को मान्य करेगा. यदि डायट ने अप्रूव किए गए प्रवेश मान्य न कराए तो प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा. प्रदेश के सभी ऐसे संस्थानों में कोटे के अन्तर्गत लिए गए प्रवेशों का सत्यापन होगा.
संबंधित डायट को करना है सत्यापन
प्राधिकारी के सचिव अनिल भूषण त्रिवेदी के अनुसार, अल्पसंख्यक संस्थानों को कोटे के अन्तर्गत प्रवेश लिए गए अभ्यर्थियों का विवरण ऑनलाइन करना है. इसका सत्यापन सम्बंधित डायटों को करना है.