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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
महाकुंभ में संतों-भक्तों को डुबकी लगाने के लिए निर्मल गंगा की धारा मिल सके, इसके लिए भी विस्तार से चर्चा की गई। गंगा निर्मलीकरण के लिए नालों के गंदे पानी को जाने से रोकने के उपायों को अमल में लाने के निर्देश दिए गए।
महाकुंभ-2025 के जरिए विश्व समुदाय को दिव्यांगजनों की सहायता के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा। शनिवार को तैयारियों की समीक्षा के दौरान इस कुंभ को दिव्यांग व पर्यावरण फ्रेंडली बनाने का प्रस्ताव रखा गया। कुंभ के प्लेटफार्म से प्रयागराज और आसपास के इलाके के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की योजना पर भी चर्चा की गई।
मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में दिन के 11 बजे शुरू हुई महाकुंभ-2025 की समीक्षा के दौरान भीड़ प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया। आगामी महाकुंभ के क्षेत्रफल का आकलन करते हुए पांटून पुलों के निर्माण के साथ ही चकर्ड प्लेट मार्गों, बिजली, पेयजल सुविधाओं के लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया। अफसरों को निर्देशित किया गया कि वह कुंभ-2019 के अनुभव के आधार पर आगामी कुंभ की कार्य योजना बनाएं।
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बम्हरौली एयरपोर्ट के विस्तार के साथ वहां तक पहुंच मार्ग के चौड़ीकरण के साथ ही गंगा तटों पर स्थायी स्नान घाटों के निर्माण, पुराने नैनी ब्रिज के आसपास की सड़कों के चौड़ीकरण, बक्शी बांध, प्रयाग स्टेशन के पास फ्लाईओवर निर्माण, यातायात के दबाव को कम करने के लिए बांगर धर्मशाला के पास की सड़क के चौड़ीकरण के अलावा फाफामऊ सेतु के दोनों तरफ अतिक्रमण हटाते हुए सड़कों के चौड़ीकरण का सुझाव दिया गया।
इसके अलावा शहर में होटलों के निर्माण, पार्किंग के लिए कुछ स्थानों को पहले से ही विकसित करने पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा अरैल एवं झूंसी की सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही जिले को आसपास के जनपदों से जोड़ने वाले नौ मुख्य मार्गों में पड़ने वाले अवरोधों को चिह्नित कर प्रस्ताव 10 दिनों में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इस मौके पर अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस महानिरीक्षक, आरके सिंह, डीएम संजय खत्री, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय, पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद चौहान मौजूद थे।
संतों-भक्तों को डुबकी लगाने के लिए मिलेगी निर्मल गंगा, नाले होंगे बंद
महाकुंभ में संतों-भक्तों को डुबकी लगाने के लिए निर्मल गंगा की धारा मिल सके, इसके लिए भी विस्तार से चर्चा की गई। गंगा निर्मलीकरण के लिए नालों के गंदे पानी को जाने से रोकने के उपायों को अमल में लाने के निर्देश दिए गए। गंगा में गिरने वाले 76 नालों को एसटीपी से जोड़ने का कार्य महाकुंभ से पहले पूर्ण करने पर भी चर्चा की गई। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के क्षमता विस्तार पर जोर दिया गया। मौजूदा समय एसटीपी से 264 एमएलडी गंदे पानी की शोधन क्षमता है। साथ ही 72 एमएलडी शोधन क्षमता का विस्तार जल्द हो जाएगा। इसके साथ ही कुल शोधन क्षमता 336 एमएलडी हो जाएगी। मौजूदा समय शहर से 274 एमएलडी गंदे पानी का डिस्चार्ज हो रहा है।
आगामी महाकुंभ को पर्यावरण व दिव्यांग फ्रैंडली बनाने के लिए चर्चा की गई है। साथ ही विकास और भीड़ प्रबंधन के अलावा सुरक्षा के पहलुओं पर सफल तैयारी के लिए पिछले कुंभ -2019 के अनुभवों को भी अफसरों के बीच साझा किया गया, ताकि कार्ययोजना बनाने में किसी तरह की दिक्कतें न आने पाएं। - विजय किरन आनंद, कुंभ मेलाधिकारी।