उत्तर प्रदेश

प्रदेश की मेरिट में 63 जिलों के मेधावियों को मिला स्थान

Admin Delhi 1
28 April 2023 2:28 PM GMT
प्रदेश की मेरिट में 63 जिलों के मेधावियों को मिला स्थान
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इलाहाबाद न्यूज़: यूपी बोर्ड की ओर से जारी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा की मेरिट सूची में जिन 432 छात्र-छात्राओं को स्थान मिला है, वो 63 जिलों के रहने वाले हैं. यह पहला मौका है जब मेरिट में इतनी ज्यादा संख्या में विद्यार्थियों को जगह मिली है. पिछले साल यानी 2022 की मेरिट सूची में हाईस्कूल में 27 (19 छात्राएं और आठ छात्र) तो इंटर में 28 (15 छात्राएं और 13 छात्र) मेधावियों के नाम शामिल थे.

12 जिले ऐसे हैं, जहां के छात्रों को मेरिट में जगह नहीं मिली है. जिन जिलों को मेरिट में स्थान नहीं मिल सका है उनमें गोरखपुर, सोनभद्र, संत कबीरनगर, संभल, सहारनपुर, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मऊ, गौतमबुद्धनगर, बलरामपुर, बलिया व बागपत शामिल है. इंटर की टॉप-10 सूची में कुल 253 परीक्षार्थी हैं जिनमें से 135 छात्राएं और 118 छात्र हैं. वहीं हाईस्कूल की टॉप-10 सूची में कुल 179 परीक्षार्थियों का नाम है जिनमें 95 बालिकाएं और 84 बालक हैं. इंटरमीडिएट के टॉप-5 मेधावियों में कुल 30 विद्यार्थी शामिल हैं जबकि छह से लेकर दसवें नंबर तक कुल 223 परीक्षार्थियों के नाम है. इसी तरह हाईस्कूल के टॉप-5 में 18 परीक्षार्थी हैं जबकि छह से दस तक की रैंक में 161 विद्यार्थियों के नाम हैं.

पहली बार ओएमआर पर कराई गई 10वीं की परीक्षा

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 2023 में पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा में ओएमआर शीट का भी उपयोग किया गया. छात्र-छात्राओं को 70 में से 20 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्नों के जवाब ओएमआर पर देना था. इसमें उच्च क्रम चिंतन कौशल (हॉट्स) संबंधी प्रश्न भी पूछे गए. उत्तरपुस्तिकाओं की सुरक्षा के लिए पहली बार क्यूआर कोड तथा यूपी बोर्ड का लोगो लगाया गया. सभी कॉपियों की सिलाई कराई गई थी ताकि पन्ने न बदले जा सके.

मई के दूसरे सप्ताह तक अंकपत्र मिलने की संभावना

प्रयागराज. यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को मई के दूसरे सप्ताह तक अंकपत्र सह प्रमाणपत्र मिलने की संभावना है. परिणाम घोषित होने के साथ ही तीन दिन की छुट्टी हो गई है. उसके बाद और को भी अवकाश रहेगा. अगले सप्ताह से बोर्ड का कामकाम सामान्य होगा. अंकपत्र सह प्रमाणपत्र छपने में दस दिन का समय लग जाता है. उसके बाद फर्मों से संबंधित क्षेत्रीय कार्यालयों और वहां से जिलों को भेजे जाएंगे. इस सबमें कम से कम दो सप्ताह का समय लग जाएगा.

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