- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- केस्को फ्रॉड के पीछे...
कानपूर: केस्को में 1.48 करोड़ रुपये के फ्रॉड के मामले में मेरठ के एक बिजली ठेकेदार की संलिप्तता मिली है.
उसी ने गलत खाते में पहुंचाई गई केस्को की रकम इधर-उधर करने को 22 बैंक खातों का इंतजाम किया था. यह सभी खाते मजदूरों या छोटे कर्मचारियों के थे. उन्हें असली केवाईसी के आधार पर खुलवाया गया था. सूत्रों का कहना है कि क्राइम ब्रांच घटना के एक सिरे तक पहुंच चुकी है. बिजली ठेकेदार समेत 12 आरोपितों की भूमिका पता चली है. देर रात सभी को हिरासत में लेने की प्रक्रिया जारी रही. एक हैकर के बारे में और जानकरी मिली है. उस तक साइबर सेल पहुंचने का प्रयास कर रही है.
साइबर सेल के सूत्र बताते हैं कि बैंक के सॉफ्टवेयर में एक दिक्कत का फायदा हैकर ने उठाया. उसने उस तकनीकी फॉल्ट के जरिए बैंक के सॉफ्टवेयर में प्रवेश किया था. सूत्रों के मुताबिक, इसमें बैंक का कोई पूर्व और दो वर्तमान कर्मचारी भी संदेह के दायरे में हैं. उनके बारे में पता किया जा रहा है. इनकी मदद से हैकर ने सुमन के केस्को इलेक्ट्रॉनिक खाते में पैसा ट्रांसफर कराया. साइबर सेल सूत्रों के मुताबिक सुमन और योगेन्द्र इस पूरे मास्टरप्लान का एक छोटा सा हिस्सा है.
ठेकेदार के करीब पहुंची साइबर सेल सूत्रों के मुताबिक, बिजली विभाग के ठेकेदार व एक दर्जन खाताधारकों में से साइबर सेल ने पुलिस की मदद से 3-4 लोगों को देर रात उठा लिया गया था. बिजली विभाग के ठेकेदार के करीब साइबर सेल पहुंच चुकी है. उसे भी देर रात उठाए जाने की आशंका है. उसके उठने के बाद साइबर सेल इस मामले में और बड़ा खुलासा कर सकती है.
कोड हैकिंग टूल का इस्तेमाल किया जांच में पता चला कि हैकर ने कोड हैकिंग टूल का इस्तेमाल किया है. यह टूल कोड ब्रेक करने के काम आता है. जिसे किसी भी सॉफ्टवेयर में डालने से उसके बनाने और प्रयोग करने के महत्वपूर्ण कोड हैकर के पास पहुंच जाते हैं. जिससे वह खातों की मैपिंग के प्रोग्राम से लेकर ट्रांजेक्शन तक में छेड़छाड़ कर सकता है. वहीं, सुमन और योगेन्द्र की तलाश में छापेमारी की गई.