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New Delhiनई दिल्ली: 'अगर अपने पोते पुनीत को जिंदा देखना चाहते हो, तो 50 लाख रुपए पहुंचा देना। रुपए नहीं मिले, तो पोते की लाश मिलेगी। हम अगली चिट्ठी में बताएंगे कि रुपए कहां पहुंचाने हैं। इंतजार करो, दूसरी चिट्ठी छत पर रखी मिलेगी। कोई भी होशियारी की, तो या तो पैसे मिलेंगे या फिर पोता।' मेरठ के इंचौली इलाके में रहने वाले जय भगवान को रविवार को जब ये चिट्ठी मिलती है, तो सभी को लगता कि उनके पोते को किसी ने किडनैप कर लिया है। महज 6 साल का पुनीत कुछ देर पहले ही तो आंगन में खेल रहा था। अचानक कहां गायब हो गया? पूरे घर में कोहराम मच जाता है। गांव के लोग भी जय भगवान के घर पहुंचने लगते हैं।इस बीच मामले की सूचना पुलिस को दी जाती है।
कुछ ही देर में police जय भगवान के घर पहुंचती है और मामले की तफ्तीश शुरू होती है। सबसे पहले पुलिस उस चिट्टी को ही देखती है, जो जय भगवान के घर के बाहर मिली थी। शुरुआत में पुलिस को भी लगता है कि पुनीत को किसी ने किडनैप कर लिया है। अभी पूछताछ चल ही रही थी कि पुलिस की नजर उस महिला पर जा टिकती हैं, जिसने जय भगवान को ये चिट्ठी लाकर दी थी। महिला का नाम था सुमन यादव। सुमन और उसका पति पिछले काफी समय से जय भगवान के खेतों में काम कर रहे थे। रविवार सुबह जब पुनीत नहीं मिला, तो सुमन ने ही ये चिट्ठी जय भगवान को लाकर दी और बताया कि उसे ये चिट्ठी घर के बाहर पड़ी मिली है।फिरौती की चिट्ठी पर क्यों हुआ पुलिस को शक
पुलिस सुमन से चिट्ठी के बारे में पूछती है, तो वो फिर से वही कहानी दोहराती है, जो उसने जय भगवान को सुनाई। उसकी कहानी पर पुलिस भरोसा करने ही वाली थी कि तभी एक जगह आकर मामला अटक जाता है। दरअसल, सुमन बताती है कि उसे ये चिट्ठी एक दिन पहले यानी शनिवार शाम को जय भगवान के घर के बाहर मिली। पुलिस का माथा ठनक जाता है। आखिर किडनैपिंग से पहले कोई फिरौती की चिट्ठी कैसे भेज सकता है? पुलिस एक बार फिर उस चिट्ठी को गहराई से देखती है तो पता चलता है कि किसी नोटबुक से पन्ना फाड़कर इस चिट्ठी को लिखा गया है। पुलिस के अधिकारी आपस में कुछ मशविरा करते हैं और फिर तुरंत एक team सुमन के घर की तलाशी लेने पहुंच जाती है।बेटी से लिखवाई थी फिरौती की चिट्ठी
कुछ देर की तलाशी के बाद पुलिस को सुमन के घर में एक नोटबुक मिलती है। खोलने पर पता चलता है कि फिरौती की चिट्ठी के लिए जो पन्ना इस्तेमाल किया गया, वो इसी नोटबुक से फाड़ा गया है। पुलिस तुरंत सुमन और उसके पति को हिरासत में लेती है और फिर पूछताछ में सामने आती है वो कहानी, जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप जाती है। जय भगवान के पोते पुनीत का कत्ल हो चुका था और कातिल थी यही सुमन यादव। बेहद बेरहमी से पुनीत का कत्ल करने के बाद फिरौती की वो फर्जी चिट्ठी सुमन ने ही अपनी बेटी से लिखवाई थी और इसके बाद जय भगवान को जाकर दे दी। सुमन की निशानदेही पर पुलिस को पुनीत की लाश खेतों में मिलती है।
शराब की वजह से टीटू सुमन की पहली शादी
सुमन और उसकी बहन पूजा की शादी गांव के ही टीटू यादव और उसके भाई राजू यादव से हुई थी। हालांकि, दोनों बहनों की शादी पहले भी हो चुकी है, लेकिन महज डेढ़ महीने बाद ही इनकी शादी टूट गई। इसकी वजह थी सुमन और पूजा की शराब की लत। वहीं, टीटू और राजू भी शराब के आदी हैं। सुमन अपनी शराब की लत को लेकर पूरे गांव में बदनाम थी। एक दिन उसने जय भगवान से किसी काम के लिए 10 हजार रुपए मांगे। जय भगवान को भी उसकी शराब की लत के बारे में पता था, इसलिए उन्होंने रुपए देने से इनकार कर दिया। इसी दौरान गांव का ही एक और आदमी रुपए उधार मांगने पहुंचा और जय भगवान ने उसे रुपए दे दिए। सुमन को ये बात खटक गई। उसने फैसला लिया कि वो जय भगवान को सबक सिखाएगी।गन्ने से आंख फोड़ी, मुंह में ठूंस दिए पत्ते
रविवार सुबह जब पुनीत खेलते हुए सुमन के घर पहुंचा तो Tube Well में नहाने के बहाने वो उसे खेतों की तरफ ले गई। अपनी साजिश में सुमन ने बहन पूजा को भी शामिल कर लिया। दोनों ने पुनीत को खेतों में ले जाकर पहले रस्सी से उसके हाथ पैर बांधे और फिर रस्सी से ही उसका गला दबा दिया। पुनीत चीख ना सके, इसके लिए दोनों ने उसके मुंह में गन्ना और पत्ते ठूंस दिए। मासूम का कत्ल करते हुए दोनों बहनें इस कदर वहशी हो गईं कि गन्ने से पुनीत की एक आंख भी फोड़ दी। पुनीत कुछ दिन पहले ही गर्मियों की छुट्टियां बिताने अपने दादा-दादी के घर आया था। उसके पिता गोपाल यूपी पुलिस में हैं और पत्नी-बच्चों के साथ गंगानगर इलाके में रहते हैं। पुनीत के कत्ल के आरोप में पुलिस ने सुमन, उसकी बहन पूजा और उसके पति टीटू को गिरफ्तार कर लिया है।
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