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मेरठ में नासूर बन चुकी यातायात व्यवस्था के लिए संजीवनी साबित होगी मेरठ मेट्रो
मेरठ: एक ट्रैक पर दो ट्रेनें, दोनों ही ट्रेनें आधुनिक। रफ्तार के मुकाबले में एक हवा से बात करेगी तो दूसरी लग्जरी सुविधा लोकल यात्रियों को उपलब्ध कराएगी। जी हां! मेरठ के लिए वर्ष 2023 यातायात के मामले में नई सौगात लेकर आया है। इसी साल दिसम्बर तक 180 की स्पीड से दौड़ने वाली रैपिड मेरठ शहर में अपनी आमद दर्ज करा देगी। उम्मीद है कि दिसम्बर माह तक रैपिड शताब्दी नगर तक पहुंच जाएगी।
इसके अलावा मेरठ में लोकल ट्रेवल के लिए मेरठ मेट्रो ट्रेन यहां नासूर बन चुकी यातायात व्यवस्था के लिए एक प्रकार से संजीवनी साबित होने जा रही है। रैपिड का काम अब धीरे धीरे अपने अन्तिम चरण में पहुंचता जा रहा है वहीं मेरठ मेट्रो की तैयारियां भी जोर शोर से चल रही हैं। बताते चलें कि मेरठ को 30 रैपिड ट्रेन व 10 मेट्रो ट्रेन मिलने जा रही हैं। इन 40 ट्रेनों से दिल्ली मेरठ व मेरठ लोकल का सफर बेहद आसान हो जाएगा।
खास बात यह कि रैपिड और मेट्रो के लिए पहले अलग अलग ट्रैक बनने थे, लेकिन बाद में एनसीआरटीसी के रणनीतिकारों ने एक ऐसी प्लानिंग करी कि दोनों ही ट्रेने अब एक ट्रैक पर दौड़ सकेंगी और साथ ही साथ कई हजार करोड़ रुपये की बचत भी होगी। क्योंकि मेट्रो के ट्रैक पर आने वाला पूरा खर्च एनसीआरटीसी की प्लानिंग के चलते और कुछ गुणा भाग के कारण रैपिड में ही समायोजित हो गया।
रैपिड और मेट्रो दिल्ली और मेरठ के बीच तथा लोकल में कभी अंडर ग्राउण्ड दौड़ेंगी तो कभी एलिवेटेड हो जाएगीं। यह अपने आप में एक सुखद एहसास भी होगा। पता भी नहीं चलेगा कि कब ट्रेन अंडर ग्राउण्ड से एलिवेटेड हो गई और कब एलिवेटेड से अंडर ग्राउण्ड। कुल मिलाकर मेरठ की यातायात व्यवस्था में इस वर्ष के आखिर तक काफी राहत महसूस की जा सकती है।