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Meerut: मेरठ में घोटालेबाजों ने करोड़ों का स्टांप घोटाला किया
मेरठ: मेरठ में करोड़ों का स्टांप घोटाला, तेलगी स्टांप घोटाले से भी बड़ा मामला हो सकता है. घोटालेबाजों ने बड़ा खेल किया है. बैनामों में ऊपर एक सही ई-स्टांप लगा दिया. उसके बाद सारे फर्जी स्टांप पेपर लगाकर बैनामे करा दिए.
इस तरह सात करोड़ लाख से अधिक का चूना लगाया गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले तीन साल में दो लाख से अधिक बैनामे हुए हैं. अभी तो केवल सतही जांच हुई है. हालांकि डीएम दीपक मीणा ने कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई हैं.
खरीद और बिक्री दोनों में हुआ है फर्जीवाड़ा फर्जी स्टांप का खेल केवल संपत्तियों, जमीनों की खरीद में ही नहीं हुआ. बिल्डरों ने संपत्तियों की बिक्री की तो खरीद में भी फर्जी स्टांप पेपर का प्रयोग किया.
तीन साल में हुए दो लाख से अधिक बैनामे, सतही हुई जांच निबंधन विभाग के रिकार्ड के अनुसार पिछले तीन साल में दो लाख से अधिक बैनामे हुए. रजिस्ट्री कार्यालय की अब तक की जांच में मात्र 997 बैनामों में स्टांप घोटाला पाया गया. जानकारों की मानें तो अब तक सतही जांच हुई है.
इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा: एक बैनामा वेद एसोसिएट्स की ओर से अक्तूबर-22 में कराया गया. संपत्ति का बाजार मूल्य 22 लाख रुपये पाया गया. इस पर स्टांप शुल्क एक लाख 54 हजार रुपये का बना था. ई-स्टांप से 39 हजार रुपये का दिया गया. वहीं, मेरठ ट्रेजरी के नाम से जारी एक लाख 15 हजार का फर्जी स्टांप पेपर से भुगतान किया.
एक बैनामा मैसर्स पर्व एसोसिएट्स के नाम किया गया. संपत्ति का बाजार मूल्य 23 लाख 45 हजार पाया गया. इस तरह बैनामे में एक लाख 64 हजार 0 रुपये का स्टांप भुगतान किया गया, जिसमें 14 हजार 0 रुपये का ई-स्टांप दिया गया. शेष - हजार के छह स्टांप पेपर डेढ़ लाख का मेरठ ट्रेजरी के नाम से जारी स्टांप पेपर दिया गया.
एक बैनामा मैसर्स वासु एसोसिएट्स की ओर से श्रीराम पैलेस की जमीन का किया गया. सात लाख 80 हजार रुपये मूल्य की संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर उक्त संपत्ति के बैनामे में 54 हजार 600 रुपये का स्टांप का भुगतान किया गया. चार हजार 600 रुपये का ई-स्टांप दिया गया तो 50 हजार का स्टांप मेरठ ट्रेजरी से जारी स्टांप पेपर दिया गया.