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Meerut: निवेश के नाम पर शेयर बाजार में दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
मेरठ: रिटायर्ड प्रोफेसर को शेयर बाजार में निवेश कराने का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने करीब 2 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है. आरोपियों ने चार बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराई थी. इसके बाद तमाम रकम को आरोपियों ने अपने खातों में ट्रांसफर करा लिया. इतना ही नहीं, रिटायर्ड प्रोफेसर का नंबर अब आरोपियों ने ब्लॉक कर दिया है. इस मामले में साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर और पुलिस अफसरों से शिकायत की गई है. फिलहाल प्रकरण में जांच के लिए साइबर थाने की टीम को मुकदमा दर्ज कराने और कार्रवाई के लिए लगाया गया है.
मेरठ के गंगानगर निवासी बुजुर्ग एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर है. रिटायर्ड प्रोफेसर को कुछ दिन पहले ही उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था. इस ग्रुप में शेयर बाजार में निवेश को लेकर सुझाव दिए जाने लगे. जिन भी शेयर को पहले दिन खरीदने की जानकारी दी जाती थी, अगले एक से दो दिन में इनका बाजार मूल्य बढ़ जाता था. इसी बात से प्रभावित कर रिटायर्ड प्रोफेसर को साइबर अपराधियों ने झांसे में ले लिया. इसके बाद जब रिटायर्ड प्रोफेसर ने संबंधित नंबरों पर संपर्क किया तो थोड़ी-थोड़ी रकम करके करीब दो करोड़ रुपये कोटक बैंक, आरबीएस बैंक, बंधन बैंक और जन स्मॉल फाइनेंस बैंक लुधियाना के खातों में ट्रांसफर कराई गई. बताया गया कि इस रकम को वह विदेशी इनवेस्टर के नाम से शेयर बाजार में निवेश कराएंगे, जिससे ज्यादा लाभ मिलेगा. करीब दो करोड़ रुपये की रकम जाने के बाद आरोपियों ने रिटायर्ड प्रोफेसर का नंबर ब्लॉक कर दिया. रिटायर्ड प्रोफेसर ने साइबर क्राइम को लेकर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की है.
रिटायर्ड लोगों को कर रहे सबसे ज्यादा टारगेट
साइबर क्राइम को लेकर शिकायत मिली है. मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. साथ ही खातों को ब्लॉक कराने और बाकी कार्रवाई के लिए भी कहा गया है. कार्रवाई होगी और पीड़ित की मदद कराई जाएगी.
-डॉ. विपिन ताडा, एसएसपी
● ऑनलाइन निवेश के मैसेज को देखकर कहीं भी निवेश न करें.
● किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप को देखकर निवेश न करें.
● शेयर बाजार में निवेश करना है तो अधिकृत से ही बातचीत करें.
● एक मुश्त कहीं भी रकम लगाने से बचे, तभी बचाव होगा.
● निवेश के समय तमाम दस्तावेज या अधिकृत वेबसाइट पर जरूर विश्लेषण करें.
● कोई घटना होती है तो तुरंत ही इस मामले में शिकायत दर्ज कराए.
सरकारी और गैर सरकारी विभाग से रिटायर होने वाले लोगों के पास उनकी जिंदगी भर की जमा पूंजी पीएफ फंड के रूप में रहती है. ऐसे में साइबर अपराधी इन्हें सबसे ज्यादा शिकार बनाते हैं. ऐसे लोगों को केवल सरकारी फर्म या बैंक द्वारा जारी स्कीम में ही पैसा निवेश करना चाहिए. इसी तरह के लोगों से पिछले कुछ दिनों में लगातार धोखाधड़ी की गई है.