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मेरठ क्राइम न्यूज़: एडीजी, एसएसपी से बदमाश बेटे के एनकाउंटर की जताई थी आशंका
मेरठ क्राइम न्यूज़: एक पिता ने अपने बदमाश बेटे को घर से तीन दिन पहले उठाकर ले जाने और उसका एनकाउंटर किए जाने की आशंका एडीजी से लेकर एसएसपी से जताई थी। हालांकि बेटे पर गाजियाबाद जिले में कई अपराधिक मुकदमे दर्ज थे, लेकिन फिर भी उसे मुठभेड़ से बचाने के लिए तीन दिन तक पुलिस आफिस से लेकर कप्तान आवास और एडीजी के यहां तक चक्कर काटकर गुहार लगाता रहा, लेकिन तीन दिन में गिरफ्तारी से लेकर फरारी ओर मुठभेड़ के बाद की फिर से गिरफ्तारी वाकई चौंकानी वाली है।
जैन शिकंजी संचालक से लूट की घटना में गिरफ्त में आये दो बदमाशों को क्राइम ब्रांच व टीपी नगर पुलिस ने 17 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन दोनों बदमाश शनिवार की दोपहर दिल्ली रोड ब्रहमपुरी क्षेत्र में पुलिस कस्टडी से फरार हो गए। नौ घंटे बाद ही परतापुर क्षेत्र टोल प्लाजा पर एसओजी ने दोनों बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की जुबानी बदमाशों के फरार होने की कहानी शनिवार दोपहर शुरु हुई और रात नौ बजे मुठभेड़ में खत्म हो गई।
वायरलेस सेट पर सूचना फ्लैश हुई कि दो बदमाश पुलिस कस्टडी से ईदगाह के सामने से हथकड़ी सहित फरार हो गए हैं। पुलिस ने मात्र नौ घंटे में ही दोनों बदमाशों को परतापुर क्षेत्र में काशी टोल प्लाजा के पास मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। भावनपुर थाना क्षेत्र जयभीम नगर निवासी प्रेमपाल पुत्र स्व. रामशरण 16 फरवरी की दोपहर पुलिस आॅफिस में एसएसपी के नाम से एक शिकायत लेकर पहुुंचा था।
एसएसपी को दिए प्रार्थनापत्र में पिता ने बताया था कि क्राइम ब्रांच टीम 15 फरवरी की दोपहर उसके घर आई और उसके बेटे अजय और विजय को उठाकर एसएसपी आवास लेकर चली गई। कुछ समय बाद पुलिस ने अजय को टीपी नगर पुलिस को दे दिया। विजय को एसएसपी आवास पर ही रखा गया। प्रेमपाल 15 फरवरी की रात और 16 फरवरी की सुबह तक एसएसपी आवास से लेकर पुलिस आॅफिस तक चक्कर काटता रहा, लेकिन उसके बेटे का पता नहीं चल पाया।
उसे कह दिया गया कि यहां कोई विजय नहीं है। इसके बाद थाना भावनपुर में पता करने गया तो वहां भी कोई जानकारी नहीं मिली। पिता ने 16 फरवरी को एसएसपी व एडीजी को दिए प्रार्थनापत्र में आशंका जताई थी कि उसके बेटे विजय को पुलिस मुठभेड़ में मार सकती है। फिलहाल विजय पर गाजियाबाद मेरठ में आठ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। शनिवार रात को पुलिस से हुई मुठभेड़ में विजय के पैर में गोली लगने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।