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Meerut: उपचुनाव में भाजपा गठबंधन के सामने ज्यादा बड़ी चुनौती
मेरठ: लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से नौ विधायकों के इस्तीफे और एक विधायक को जेल की सजा के कारण रिक्त हुई विधान सभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में भाजपा के सामने इंडिया गठबंधन के मुकाबले ज्यादा बड़ी चुनौती है. पार्टी इससे निपटने के लिए नए सिरे से तैयारी कर रही है तो सपा एक बार फिर पीडीए के फार्मूले पर काम कर रही है. इन सीटों पर उपचुनाव के लिए केन्द्रीय चुनाव आयोग ने तैयारी शुरु कर दी है.
इन सीटों में से कानपुर की सीसामऊ सीट सपा के विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा होने के कारण रिक्त हुई जबकि शेष नौ सीटें भाजपा, सपा,रालोद, निषाद पार्टी के विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद दिये गये इस्तीफे की वजह से खाली हुई.
भाजपा ने अपने सहयोगी दलों रालोद, अपना दल एस, निषाद पार्टी के साथ और सपा- कांग्रेस गठबंधन ने भी इन उप चुनावों के लिए कमर कस ली है.
इस बार के लोकसभा चुनाव में इन नौ विधान सभा सीटों पर प्रमुख दलों के उम्मीदवारों को मिले मतों के आंकड़ों पर गौर करें तो इन नौ सीटों में से चार में भाजपा व सहयोगी निषाद पार्टी को ज्यादा मत मिले जबकि पांच सीटों पर सपा की बढ़त रही. बसपा इन सभी सीटों पर पिछड़ी रही.
दिलचस्प तथ्य तो यह है कि इन नौ विधान सभा सीटों में से आठ सीटों के विधायक अपनी-अपनी विधान सभा में सबसे ज्यादा वोट पाने में सफल रहे मगर प्रयागराज की फूलपुर सीट पर भाजपा के विधायक रहे प्रवीन पटेल के बजाए सपा उम्मीदवार को ज्यादा मत मिले, हालांकि भाजपा के प्रवीन पटेल प्रयागराज से लोकसभा सदस्य बन गये. इसी तरह प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री रहे और खैर अलीगढ़ से विधायक बने अनूप प्रधान वाल्मीकि अपनी ही विधान सभा सीट पर सपा से पिछड़ गये.
हालांकि अनूप भी एमपी बन ही गये: सपा प्रमुख अखिलेश यादव वैसे तो आजमगढ़ लोकसभा सीट से एमपी बने मगर बहैसियत विधायक अपनी मैनपुरी की करहल विधान सभा सीट से वह लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी डिम्पल यादव को भाजपा के जयवीर सिंह से ज्यादा वोट दिलवाने में कामयाब रहे.
इसी तरह निषाद पार्टी के डा.विनोद कुमार बिंद भदोही लोकसभा सीट से सांसद बने मगर बतौर विधायक मिर्जापुर की मझवां सीट से भाजपा गठबंधन के प्रमुख दल अपना दल एस.की अनुप्रिया पटेल को सपा से ज्यादा वोट दिलवाने में सफल रहे.
अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद में भाजपा, बिजनौर की मीरापुर में भाजपा के सहयोगी रालोद व मिर्जापुर की मझवां विधान सभा सीट पर निषाद पार्टी के विधायक भाजपा के चुनाव चिन्ह पर भदोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़े.
जबकि संभल की कुंदरकी, अयोध्या की मिल्कीपुर, प्रयागराज की फूलपुर, अम्बेडकरनगर की कटेहरी, और मैनपुरी की करहल में सपा उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा वोट मिले.
लोकसभा चुनाव 2024 में इन विधान सभा सीटों में से नौ पर किस दल को कितने वोट मिले
विधान सभा सीट भाजपा सपा बसपा निषाद पार्टी (भाजपा)
खैर अलीगढ़ 93900 95391 20984
मीरापुर बिजनौर 72320 63851 55514
फूलपुर प्रयागराज 89984 7921 280
कटेहरी अम्बेडकरनगर 90768 7840 43818
गाजियाबाद 137206 73950 कांग्रेस 13983
मझवां मिर्जापुर 92299 39603 94061
कुंदरकी संभल 86371 143415 31400
करहल मैनपुरी 76509 134049
मिल्कीपुर अयोध्या 87879 95612 11452
सीसामऊ कानपुर सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने की वजह से उनकी सदस्य खत्म होने पर रिक्त हुई है यह विधान सभा सीट