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Meerut: कोर्ट के आदेश पर पांच साल बाद मिली दुर्घटना बीमा की रकम
मेरठ: बीमा कंपनी की मनमानी पर लोक अदालत के फैसले ने लगाम कस दी. दुर्घटना में मारे गए वाहन स्वामी की मौत के बाद बीमा कंपनी ने इंश्योरेंस की रकम देने से इंकार कर दिया. परिवार के लोगों ने 5 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और स्थाई लोक अदालत में अर्जी दी. कोर्ट ने 20 को बीमे की पूरी रकम का परिवार को भुगतान करने का आदेश दिया है. पांच साल इंतजार के बाद परिवार को कुछ राहत मिली है.
हापुड़ के गांव अकड़ौली पोस्ट घुंघराला निवासी अमित कुमार शर्मा वाहन चालक थे और उनके पास टाटा ऐस गाड़ी थी. अमित ने वाहन का बीमा द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से लिया था, जिसमें चालक का बीमा 15 लाख का कवर था. अमित की 15 दिसंबर को 2019 को हापुड़ के थाना हाफिजपुर क्षेत्र में हुई दुर्घटना में मौत हो गई. घटना की सूचना बीमा कंपनी को दी गई और जांच के दौरान अमित के परिवार ने पूरा सहयोग किया. बावजूद इसके बीमा कंपनी ने क्लेम पास नहीं किया. 28 2020 को पीड़ित पक्ष ने लोक अदालत में आवेदन किया और बताया उनका लोन अस्वीकृत किया गया है. तर्क दिया गया कि वाहन स्वामी-चालक के पास उचित लाइसेंस नहीं था और वाहन फिटनेस नहीं थी. बताया गया कि पीए-क्लेम के लिए सूचना दिन बाद यानी देरी से दी गई.
फिल्म में होम्योपैथी के गलत चित्रण का विरोध: होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन की बैठक हैनीमैन हॉल शास्त्रत्त्ी नगर में हुई. इसमें फिल्म वाइल्ड वाइल्ड पंजाब में होम्योपैथी को एक स्कैम बताने का विरोध किया गया. चिकित्सकों ने कहा कि इससे होम्योपैथिक चिकित्सक व मरीजों की भावनाएं आहत हुई हैं.
होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएसन के सचिव डॉ. हर्ष शर्मा ने बताया कि इसे लेकर प्रधानमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव आयुष, फिल्म के निर्माता-निर्देशक व सेंसर बोर्ड को पत्र भेजा जाएगा. कार्रवाई न होने पर न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी. बैठक में अध्यक्ष डॉ. देवेश गुप्ता, सचिव डॉ. हर्ष शर्मा, उपाध्यक्ष डॉ. विशाल दीप रहे.