उत्तर प्रदेश

मेरठ : 10वीं के छात्र ने मासूम को बेरहमी से पीटा, शव रख कर हंगामे के बीच परिजनों ने स्कूल में रखी यह मांग

Bhumika Sahu
27 Aug 2022 6:34 AM GMT
मेरठ : 10वीं के छात्र ने मासूम को बेरहमी से पीटा, शव रख कर हंगामे के बीच परिजनों ने स्कूल में रखी यह मांग
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शव रख कर हंगामे के बीच परिजनों ने स्कूल में रखी यह मांग

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक खौफनाक घटना सामने आई है। कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले एक छात्र ने कक्षा दो के छात्र की बेरहमी से पिटाई कर दी। जिसके बाद छात्र की मौत हो गई। मृतक छात्र जीतू के शव को स्कूल में रखकर परिजनों और अन्य लोगों ने खूब हंगामा मचाया। यह घटना भावनपुर क्षेत्र के पचगांव पट्टी की है। परिजनों का कहना है कि जीतू ने कक्षा 10वीं में पढ़ने वाले छात्र अमर सिंह की एक छात्रा से बातचीत करने के मामले में शिकायत कर दी थी। इसी से नाराज अमर ने जीतू को बेरहमी से पीट दिया था। जिसके चलते उसकी मौत हो गई।

छात्र ने मासूम को बेरहमी से पीटा
पचगांव पट्टी निवासी जीतू के पिता मांगे मजदूरी का काम करते हैं। गुरुवार सुबह जीतू कैलाशवती शिक्षण संस्थान गया था। इसी दौरान शिकायत करने के नाराज छात्र अमर ने उसकी पिटाई कर दी। जीतू की मां ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनका बेटा रात भर दर्द से कराहता रहा। उसने अपनी मां को घटना की जानकारी देते हुए बताया था कि उसने 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले अमर की शिकायत स्कूल के प्रधानाचार्य से कर दी कि वह एक छात्रा से बात कर रहा था। इसी के चलते उसकी पिटाई की गई है। पिटाई के बाद मासूम को स्कूल में ही उल्टियां होने लगी तो शिक्षकों ने उसे वापस घर भेज दिया था। घर में आने के बाद जीतू की हालत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल लेकर भागे। लेकिन शुक्रवार को मासूम ने दम तोड़ दिया।
परिजनों ने स्कूल में शव रख किया हंगामा
परिजनों के अनुसार, उनके बेटे की मौत स्कूल शिक्षक और प्रधानाचार्य की लापरवाही के चलते हुई है। इस कारण उन्होंने स्कूल में शव रख कर हंगामा किया। हंगामे की जानकारी होने पर मौके पर इंस्पेक्टर भावनपुर नीरज मलिक पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने परिजनों को शांत कर मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं इस पूरे मामले पर एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि मामले की तहरीर नहीं दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। स्कूल के प्रधानाचार्य को जब मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि परिजनों की मांग है कि पांच लाख रुपए मुआवजा और जीतू की मां को उसकी योग्यता के हिसाब से नौकरी दिलाई जाए।


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