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इलाहाबाद: जनपद में संचालित मीट इकाईयों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शिकंजा कसेगा. मीट इकाईयों के संचालन में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. इसी को लेकर केंद्र व प्रदेश के विभागीय अफसर जांच करेंगे. माघ मेले को लेकर चल रही निगरानी में गड़बड़ी के संकेत मिले हैं. कुछ इकाईयों मे बिना शोधित पानी का उत्प्रवाह व क्षमता से अधिक स्लाटरिंग समेत अन्य बिन्दु शामिल हैं.
मथुरा बाईपास अमरपुर कोंडला व ऊदला में मीट फैक्ट्रियां संचालित हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कड़ी निगरानी के बाद भी इकाईयां गड़बड़ी कर रही हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलीगढ़ को कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें जांच की तैयारी शुरू कर दी गई है. पांच से अधिक इकाईयां जांच के दायरे में आ चुकी है. पूर्व में चर्बी की दुर्गंध से भी लोग परेशान थे. इसको लेकर भी प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने छानबीन की थी, लेकिन कोई मामला सामने नहीं आया था. कुछ शिकायतें स्थानीय स्तर व कुछ शासन के माध्यम से आई हैं. अलग-अलग इकाईयों के नाम इसमें शामिल हैं. अलीगढ़ में मीट फैक्ट्रियों में 1 हजार, 1500 और 2000 पशुओं की स्लाटरिंग की एनओसी है. शिकायत को लेकर इकाईयों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं.
इकाइयों की जांच के साथ नाले के पानी की होगी सैंपलिंग
मीट फैक्ट्रियों के ईटीपी, कटान की क्षमता, शोधित जल डिस्चार्ज स्थल, प्रोसेसिंग प्लांट समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच होगी. इसके साथ मथुरा रोड बाईपास से होकर जा रहे नालों के पानी की भी सैंपलिंग कराई जाएगी ताकि अलग-अलग पैरामीटर की जांच हो सके. स्लाटर हाउसों के साथ जनरल इकाईयों की भी जांच होगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जेएनयू के माध्यम से थर्ड पार्टी की जांच कराएगा. कैमिकल, इलेक्ट्रोप्लेटिंग, भट्टियों व इकाइयों के भीतर संचालित ईटीपी की जांच होगी. रेड श्रेणी के 0 से अधिक उद्योगों को नोटिस जारी किया गया है.
माघ मेले को लेकर चल रही कड़ी निगरानी
माघ मेले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से इकाईयों की जांच की जा रही है. काली नदी से लेकर सभी नालों के पानी की सैंपलिंग भी कराई जा रही है. काली नदी के आस-पास स्थित उद्योगों माघ मेले तक शून्य डिस्चार्ज के लिए निर्देशित किया गया है. इसके बाद डिस्टलरी व पांच अन्य यूनिटों की लगातार जांच हो रही है.
मीट इकाईयों के संचालन में गड़बड़ी की शिकायत शासन व स्थानीय स्तर पर मिली है. इकाईयों की जांच को कमेटी बनाई जा रही है. जल्द ही इनकी जांच होगी. अनियमित्ता मिलने पर बड़ी मात्रा में पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए मुख्यालय को संस्तुति की जाएगी. जनरल इकाईयों की भी जांच की जाएगी. नोटिस जारी किए जा रहे हैं.
डा. जेपी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड.