उत्तर प्रदेश

मीट फैक्ट्री के निदेशक 'कौकब कुरैशी' पर 90 करोड़ के गबन का आरोप

Shantanu Roy
11 Dec 2022 9:53 AM GMT
मीट फैक्ट्री के निदेशक कौकब कुरैशी पर 90 करोड़ के गबन का आरोप
x
बड़ी खबर
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में प्रमुख मांस उद्योग प्रतिष्ठान रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्रबंध निदेशक ने ग्रुप निदेशक समेत तीन पर एफआईआर दर्ज कराई है जिसमें फर्जी दस्तावेज बनाने, फर्जी हस्ताक्षर कर 90 करोड़ रुपए का गबन, गाली-गलौज जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। पुलिस अधीक्षक नगर राहुल भाटी ने बताया कि कैंट पुलिस ने शुक्रवार देर रात आईपीसी धारा 420, 406, 504 और 506 में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। ज्ञातव्य है कि बरेली में रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड नाम से प्रतिष्ठान है जिसमें फिरोज अहमद शेख प्रबंध निदेशक हैं। फिरोज ने रहबर फूड इंडस्ट्रीज निदेशक और दस प्रतिशत के शेयर होल्डर कौकब कुरैशी पर मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें कहा गया है कि 17 जुलाई 2018 को रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड और एबीजेड एग्रो फूडस लिमिटेड के बीच एक अनुबंध फैक्ट्री शेयर होल्डर्स के बीच में आपसी सहमति से अनुबंध निष्यादित हुआ था। जिसमें रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड प्रबंधक निदेशक और अन्य शेयर होल्डर्स ने एक नवंबर 2018 को फैक्ट्री के प्रोडक्शन व वित्तीय कार्य के लिए अधिकृत किया था।
आरोप है कि 29 नवंबर 2022 को कौकब कुरैशी ने प्रबंधक निदेशक और रहबर ग्रुप के साथ ही अन्य शेयर होल्डर को सूचना दिए बिना ही फैक्ट्री का उत्पादन रोक दिया। जिसकी जानकारी प्रबंधक निदेशक को 30 नवंबर को फैक्ट्री पहुँचने पर हुई। साथ ही प्रबंधक निदेशक को यह भी जानकारी हुई कि लगभग दो करोड़ रुपए लेबर और कर्मचारियों के भी बकाया हैं। आरोप लगाया है कि फैक्ट्री में प्रबंधक निदेशक फिरोज अहमद के पहुंचने की सूचना पर सभी सप्लायर भी पहुंच गए। उन्होंने भी कंपनी पर करोड़ो रुपए बकाया होने की बात कहीं। कंपनी में गबन होने की आंशका के चलते प्रबंधक निदेशक ने अपने वित्तीय सलाहकार और रहबर ग्रुप के अधिकृत मैराज इस्लाम एडवोकेट को गबन की जांच करने को कहा। जो अब भी जारी है। इस दौरान प्रबंधक निदेशक को पता चला कि कौकब कुरैशी ने बहुत से फर्जी कागजात और फर्जी हस्ताक्षरों से बिल बना लिया है। इसके साथ ही सह उत्पाद जैसे चमड़े, टैलो, एमबीएम और फोजन मीट बेचने और मुख्य उत्पाद लाइव एनीमल के फर्जी बिल बनाएं हैं। कागजों पर प्रबंध निदेशक और कुछ शेयर धारकों और अन्य लोगों के फर्जी हस्ताक्षर कर बड़ी गड़बड़ी की गई है।
Next Story