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यूपीपीसीएल के एमडी की प्रशासनिक अफसरों संग बैठक में सैद्धांतिक सहमति बनी, वरुणा कॉरिडोर निगम के हवाले
वाराणसी न्यूज़: वरुणा कॉरिडोर के हैंडओवर को लेकर फंसा पेच खत्म हो गया है. कॉरिडोर की सफाई, सीवरेज आदि व्यवस्था अब नगर निगम कराएगा. आए यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक नवीन कपूर और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में इस पर सैद्धांतिक सहमति बनी. कॉरिडोर की खामियां दूर करने को अलग बजट जारी होगा. नगर निगम निजी एजेंसी से काम करवाएगा.
2015 में शिलान्यास के साथ ही विवादों में घिरी परियोजना के दाग धीरे-धीरे धुलने लगे हैं. तत्कालीन सरकार ने कॉरिडोर निर्माण का काम सिंचाई विभाग को सौंपा था. जबकि सिंचाई विभाग केवल ग्रामीण इलाकों में नदियों की परियोजना पर काम करता है. लगभग सात वर्षों में किसी तरह परियोजना पूरी हुई तो हैंडओवर को लेकर एक वर्ष से पेच फंसा था. विभागीय लापरवाही की वजह से वरुणा किनारे इकट्ठा सीवरेज में डूबकर बीती 21 फरवरी को एक बच्ची को जान भी गंवानी पड़ी थी.
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने मुद्दे को प्रमुखता से उठाया तो हैंडओवर का विवाद पहली बार डीएम एस. राजलिंगम के सामने आया. उन्होंने जल निगम को सर्वे कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया, जो डेढ़ माह बाद भी नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि इसमें अभी एक माह और लगेगा. हालांकि प्राथमिक रिपोर्ट में सीवर कनेक्शन के लिए डाले गए पाइप का एलाइनमेंट गड़बड़ पाया गया. इसमें निर्माण एजेंसी यूपीपीसीएल व कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं.
पिछले माह मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मामला उठा. सीएम ने जिलाधिकारी को समाधान कराने का निर्देश दिया था. शासन की सख्ती पर यूपीपीसीएल के उच्चाधिकारी ने बनारस का दौरा किया. उन्होंने कॉरिडोर का भ्रमण कर सीवरेज कनेक्शन की स्थिति देखी.
सर्किट हाउस में मैप के जरिए प्रोजेक्ट की जानकारी लेने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक हुई. उसमें परियोजना के हैंडओवर से पूर्व मरम्मत आदि पर होने वाले खर्च का बजट देने पर सहमति बनी है. अधिकारी निरीक्षण के बाद लखनऊ लौट गए हैं. उम्मीद है कि इस माह के अंत तक सुधार व मरम्मत पर काम शुरू हो जाएगा.