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उत्तर प्रदेश
मथुरा-वृंदावन नगर निगम में मेयर सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए हुई आरक्षित
Shantanu Roy
6 Dec 2022 12:17 PM GMT

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बड़ी खबर
मथुरा। निकाय चुनाव से पहले मेयर पद के लिए आरक्षण की घोषणा हो गई है। मथुरा वृंदावन नगर निगम में मेयर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित की गई है। इस घोषणा के बाद तमाम दावेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया है। सबसे ज्यादा टिकट मांगने के दावेदार सत्तारुढ़ भाजपा से थे। मेयर बनने का ख्वाब संजो रहे कई नेताओं के अरमान पर पानी फिर गया है। मथुरा वृंदावन नगर निगम की मेयर की सामान्य सीट होने के आस लगाए बैठे नेताओं के ख्वाब मिट गए। सामान्य होने की स्थिति में सबसे ज्यादा टिकट मांगने वालों की संख्या भाजपा में थी। इसके बाद कांग्रेस और फिर आम आदमी पार्टी में भी दावेदारों में लिस्ट लंबी थी। मथुरा वृंदावन नगर निगम के मेयर की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित होने के बाद पिछड़ा वर्ग की महिला नेताओं में खुशी छा गई है।
सोमवार को घोषित अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित आरक्षण की सूची के अनुसार कोसीकलां नगरपालिका में सामान्य महिला, महावन में एससी महिला, नंदगांव में ओबीसी महिला, बाजना में ओबीसी, गोवर्धन में ओबीसी, सौंख में ओबीसी, बल्देव में ओबीसी, गोकुल में ओबीसी, बरसाना में ओबीसी, छाता में महिला, राधाकुंड में सामान्य, फरह में सामान्य, चौमुहां में सामान्य और राया में सामान्य जाति के अध्यक्ष होंगे। मथुरा नगरनिगम के मेयर पद के लिए भाजपा की ओर से भुवन भूषण कमल की पत्नी अंजलि भूषण सशक्त दावेदार मानी जा रही हैं। अंजलि भूषण एलएलबी एलएलएम तक शिक्षित हैं और पूर्व मंत्री की पुत्रवधु हैं। गौरतलब हो कि भाजपा में जहां महानगर महिला मोर्चा की अध्यक्ष पूजा चौधरी और बबिता चौधरी का दावा मजबूत माना जा रहा है वहीं कांग्रेस से प्रदेश सचिव मुकेश धनगर की पत्नी मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद मथुरा और वृंदावन दोनों शहरों को मिलाकर मथुरा वृंदावन नगर निगम का गठन किया गया। 2017 में पहली बार बने नगर निगम में मेयर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई। जिसकी वजह से मुकेश आर्य बंधु मेयर बने। इस बार अन्य पिछड़ा वर्ग महिला के लिए सीट आरक्षित होने के चलते पहली बार महिला मेयर चुनने का रास्ता साफ हो गया है।
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