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लोकसभा के 'दंगल' पर मायावती की नजर, पार्टी प्रभारियों की बुलाई बैठक, निकाय चुनाव का फूंकेंगी बिगुल
सभी दल निकाय चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। बसपा ने इस पर अपनी रणनीति तैयार करने के लिए कमर कस ली है। बसपा प्रमुख मायावती पार्टी मुख्यालय पर अपने सिपहसालारों के साथ मंथन करेगी। निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
बसपा सुप्रीमो मायावती शनिवार को निकाय चुनाव की तैयारियों का बिगुल फूंकेंगी। उन्होंने लखनऊ पार्टी कार्यालय पर पार्टी के सभी मंडल प्रभारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में बामसेफ और पार्टी के जिलाध्यक्ष भी शामिल होंगे।
सभी दल निकाय चुनाव की तैयारियां कर रहे हैं। बसपा ने इस पर अपनी रणनीति तैयार करने के लिए कमर कस ली है। बसपा प्रमुख मायावती पार्टी मुख्यालय पर अपने सिपहसालारों के साथ मंथन करेगी। निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव 2024 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में बसपा अपने भविष्य की संभावनाओं को देख रही है। इस बाबत मायावती कह भी चुकी हैं कि निकाय चुनाव का परिणाम भविष्य के द्वार खोल सकता है। ऐसे में इस बैठक का उद्देश्य इन्हीं संभावनाओं के लिए है।
खास तौर से बसपा का ध्यान इस बार मुस्लिम मतदाताओं पर है। दलित मुस्लिम समीकरण साधने के लिए निकाय चुनाव में पूरी ताकत लगाएगी। चूंकि विधानसभा चुनाव में तमाम कोशिश के बाद भी सपा की नैया पार नहीं हो सकी। बावजूद इसके कि मुस्लिमों ने पूरी ताकत के साथ सपा को सपोर्ट किया। ऐसे में बसपा मुस्लिमों को विकल्प देना चाह रही है। यह जताना चाह रही है कि दलितों का बड़ा वोट बैंक उसके पास है। यदि मुस्लिम भी साथ आ गए तो भाजपा को रोका जा सकता है। निकाय चुनाव का परिणाम यह तय कर देगा कि बसपा का यह फार्मूला कितना कारगर होगा।
सदस्यता अभियान शुरु करने पर मंथन
बसपा ने सदस्यता अभियान शुरू किया था पर अपेक्षित परिणाम न आने के कारण इसे बीच में ही बंद करना पड़ा। बसपा ने सदस्यता शुल्क भी दो सौ रुपये रखा था। माना जा रहा है कि यह अभियान इसलिए भी नहीं चल पाया। बैठक में इस पर भी मंथन होगा कि क्या अभियान दोबारा चलाया जा सकता है।
तय किए जाएंगे लक्ष्य
मायावती इस बैठक में सभी प्रभारियों के लक्ष्य भी तय करेंगी। कहा जाएगा कि वे सर्वसमाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों को बसपा से जोड़ें। खास तौर से युवाओं को पार्टी से जोड़ा जाए। इसके साथ ही जिस तरह से इमरान मसूद ने बसपा ज्वॉइन की है, उसी प्रकार कुछ और मुस्लिम कद्दावर नेताओं को बसपा की ओर लाया जाए। क्षेत्रवार इसका निर्धारण होगा।