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उत्तर प्रदेश
मैनपुरी में SP और रामपुर में BJP की जीत पर मायावती ने उठाए सवाल
Shantanu Roy
11 Dec 2022 9:38 AM GMT
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बड़ी खबर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और दो विधानसभा क्षेत्रों में संपन्न उपचुनाव के परिणामों को प्रायोजित करार दिया। बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने कहा कि अप्रत्याशित परिणाम मुस्लिम समाज को गुमराह करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) की मिलीभगत की ओर इशारा कर रहे हैं।
1. यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में श्री आज़म ख़ान की ख़ास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं?
— Mayawati (@Mayawati) December 11, 2022
उपचुनाव के परिणाम मुस्लिम समाज को गुमराह करने वाले हो रहे हैं प्रतीत: मायावती
मायावती ने रविवार को कहा कि उपचुनाव के परिणाम अप्रत्याशित हैं जो मुस्लिम समाज को गुमराह करने वाले प्रतीत हो रहे हैं। उन्होने मुस्लिम समाज को इस बारे में चिंतन की सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी के मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा की हुई जीत किन्तु रामपुर विधानसभा उपचुनाव में आजम खान की खास सीट पर योजनाबद्ध कम वोटिंग करवा कर सपा की पहली बार हुई हार पर यह चर्चा काफी गर्म है कि कहीं यह सब सपा व भाजपा की अन्दरुनी मिलीभगत का ही परिणाम तो नहीं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस बारे में खासकर मुस्लिम समाज को काफी चिन्तन करने व समझने की भी जरूरत है ताकि आगे होने वाले चुनावों में धोखा खाने से बचा जा सके। खतौली विधानसभा की सीट पर भाजपा की हुई हार को भी लेकर वहां काफी सन्देह बना हुआ है, यह भी सोचने की बात है।
लोकसभा-विधानसभा उपचुनाव में BSP और कांग्रेस ने नहीं लिया था हिस्सा
गौरतलब है कि 8 दिसम्बर को संपन्न मैनपुरी लोकसभा और खतौली एवं रामपुर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और बसपा ने हिस्सा नहीं लिया था।मैनपुरी उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को भारी बहुमत से जीत मिली थी और सपा का इस सीट पर कब्जा बरकरार रहा हालांकि सपा को रामपुर विधानसभा के रूप में अपनी परंपरागत सीट को भाजपा के हाथों गंवाना पड़ा था वहीं मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र में सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की जीत हुयी थी। इस सीट पर चुनाव भाजपा के विक्रम सिंह सैनी को विधानसभा में अयोग्य ठहराने के बाद कराना पड़ा था।
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