उत्तर प्रदेश

भरना पड़ सकता है 10,000 रुपये का चालान

Admin4
11 July 2022 9:07 AM GMT
भरना पड़ सकता है 10,000 रुपये का चालान
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दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर सकता है जिनके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र नहीं है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल नहीं करने पर नोटिस पर कार्रवाई करते हुए 10,000 रुपये के चालान भी भेजेगा। पीटीआई की रिपोर्ट है कि विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए अपने अभियान को तेज करेगा कि बिना पीयूसी प्रमाण पत्र वाले वाहन शहर की सड़कों पर न चलें।

दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में इस समय 17 लाख से ज्यादा वाहन बिना वैध पीयूसी सर्टिफेकेट के चल रहे हैं। इस भारी संख्या में वाहनों में 13 लाख दोपहिया और तीन लाख पैसेंजर कारें शामिल हैं।

रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि सरकार पीयूसी सर्टिफिकेट की अवधि खत्म होने के बाद वाहन मालिकों को उनके घर नोटिस भेजने की व्यवस्था पर काम कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि यदि वाहन मालिक वैध प्रमाण पत्र हासिल नहीं करते हैं, तो 10,000 रुपये का जुर्माना भी उनके घर पहुंच जाएगा।

मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, यदि कोई वाहन वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना पकड़ा जाता है, तो उसके मालिक को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, प्रत्येक मोटर वाहन को उसके पहले रजिस्ट्रेशन की तारीख से एक वर्ष की अवधि खत्म होने के बाद एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र ले लेना जरूरी है। इसमें BS-I, BS-II, BS-III, BS-IV, CNG और LPG वाहन भी शामिल हैं। चार पहिया BS-IV अनुपालित वाहनों की वैधता एक वर्ष और अन्य वाहनों के लिए तीन माह है।

कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों की उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर जांच की जाती है जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है। पीयूसी प्रमाणीकरण को रीयल-टाइम बनाया गया है और वाहन पंजीकरण डेटाबेस के साथ इंटीग्रेट किया गया है। 2021 में, पीयूसी मानदंडों को सख्ती से लागू करने के साथ, दिल्ली परिवहन विभाग ने 60 लाख से ज्यादा प्रमाण पत्र जारी किए।



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