उत्तर प्रदेश

मातृ नवमी: विंध्याचल के सीता कुंड में स्नान के बाद महिलाओं ने किया तर्पण

Tara Tandi
7 Oct 2023 11:24 AM GMT
मातृ नवमी: विंध्याचल के सीता कुंड में स्नान के बाद महिलाओं ने किया तर्पण
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यूपी के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल क्षेत्र में मातृ नवमी के दिन महिलाएं अपने पितरों को तर्पण करती हैं। यही कारण रहा कि शनिवार को अष्टभुजा पहाड़ी स्थित सीता कुंड पर शनिवार को महिलाओं को रेला उमड़ा रहा। सीताकुंड के जल से स्नान के बाद महिलाओं ने तर्पण कर अपने-अपने पूर्वजों को नमन किया। सदियों से यह प्रथा चलती आ रही है।
भोर से ही सीता कुंड पर स्नान आदि का सिलसिला शुरु हो गया था। दोपहर में मिर्जापुर-प्रयागराज मुख्य मार्ग से सीताकुंड तक महिलाओं का रेला उमड़ा रहा। इसके अलावा पहाड़ पर अष्टभुजा मंदिर और सीताकुंड के लिए आने-जाने वाली महिलाओं की भीड़ रही। स्नान करने के बाद महिलाओं ने अपने-अपने पितरों को जल व पिंडदान किया।
सीता कुंड पर पिंडदान का विशेष महत्व
तर्पण के बाद महिलाओं ने सौभाग्य सामग्री का दान दिया। मातृ नवमी के दिन सीता कुंड पर सौभाग्य सामग्री का दान तथा स्नान का एवं पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है सीता कुंड पर श्राद्ध के करने से सुहागिन स्त्रियों का सौभाग्य बढ़ता है तथा पितृ गण भी प्रसन्न होते हैं।
माता सीता ने यहां स्नान कर पितरों के लिए किया था तर्पण
अष्टभुजा पहाड़ी पर है सीता कुंड - फोटो : अमर उजाला
धर्मनगरी काशी एवं प्रयागराज के मध्य स्थित विंध्य क्षेत्र में मां सीता ने श्राद्ध तर्पण किया था, जिसे सीता कुंड के नाम से जाना जाता है। सीताकुंड के पुजारी राजेश दुबे ने बताया वनगमन के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता इसी रास्ते से गुजरे थे। अष्टभुजा पहाड़ पर भगवान राम, लक्ष्मण माता सीता को छोड़कर गंगा की ओर स्नान के लिए के लिए निकल गए।
इसी बीच माता सीता ने पूर्वजों को याद किया। याद करते ही सभी पितर उपस्थित हो गए। तर्पण के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है। माता ने पहाड़ पर जल प्रकट किया। उसी जल से पितरों के लिए तर्पण किया। पुजारी राजेश दुबे ने कहा तभी से मातृ नवमी पर यहां महिलाओं के द्वारा तर्पण कार्य शुरु किया गया जो आज भी जारी है।
बंदरों का आतंक, मात्र एक होमगार्ड के भरोसे दिखी सुरक्षा
मातृ नवमी पर शनिवार सुबह 10 बजे तक सीताकुंड की सुरक्षा व्यवस्था मात्र एक होमगार्ड के भरोसे दिखी। काफी भीड़ होने के बावजूद सीताकुंड के आसपास पुलिस नदारद रही। मुख्य सीढ़ी व सीताकुंड के आसपास बंदरों का तांडव रहा। कई महिला श्रद्धालुओं को बंदर ने काट लिया। बंदरों के दौड़ाने से एक महिला सीढ़ी पर गिरकर बेहोश हो गई। महिला काफी देर तक बेसुध पड़ी रही कोई पूछने वाला नहीं दिखा। सीताकुंड के आसपास उपचार का भी कोई प्रबंध नहीं दिखा।
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