- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Mathura: बिना डॉक्टर...
मथुरा: शहर के निजी अस्पतालों में मरीजों को बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों के भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है. किसी भी अस्पताल में बॉयो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले. एचआईवी संक्रमित मरीज के इलाज में उपयोग हुए मेडिकल वेस्ट को खुले तक में फेंका गया. ऐसी तमाम खामियां सीएमओ की टीम को ताबड़तोड़ छापा मार कार्रवाई में मिली. टीम ने पांच अस्पताल द यूनिक हॉस्पिटल, बालागंज अस्पताल, स्टार हॉस्पिटल, मेडलाइफ हॉस्पिटल और ऑक्सीजन हॉस्पिटल में खामियां मिलने पर नोटिस जारी किया है. जवाब मिलने के बाद अस्पतालों के संचालन रोक लगाने की कार्रवाई उसी आधार पर की जाएगी.
बालागंज अस्पताल में फार्मासिस्ट नहीं मिला निजी अस्पतालों की लापरवाही से मरीजों की मौत के कई मामले सामने आने के बाद सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने मातहतों को सख्त निर्देश दिए. उसके बाद नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह की अगुवाई में डिप्टी सीएमओ डॉ. केडी मिश्रा और टीम ने पुराने लखनऊ की ओर छापेमारी की. डॉ. एपी सिंह ने बताया कि बालागंज अस्पताल में पूर्णकालिक डॉक्टर थे. पर, अस्पताल में मरीजों से जुड़े दस्तावेजों में काफी कमियां थीं. अस्पताल की फार्मेसी पर पंजीकृत फार्मासिस्ट के बजाए कोई और दवा वितरित करने के लिए बैठा हुआ था.
एचआईवी संक्रमित मरीज का मेडिकल वेस्ट खुले में फेंका: डॉ. एपी सिंह और डॉ. केडी मिश्रा ने बताया कि द यूनिक हॉस्पिटल में डेंगू का मरीज भर्ती थी. उसे बिना मानकों के इलाज दिया जा रहा था. यहां के संचालक और स्टॉफ को फटकार लगाई गई. मरीज को उचित इलाज देने के निर्देश दिए गए. वहीं, स्टार हॉस्पिटल में जीएनएम की प्रशिक्षु नर्स कार्यरत थी. कोई स्थायी नर्स नहीं मिली. इसके अलावा मेडलाइफ हॉस्पिटल में एचआईवी का मरीज भर्ती था. उस मरीज के लिए इस्तेमाल किए गए मेडिकल उपकरण का बॉयो मेडिकल वेस्ट निस्तारण सही नहीं था. साथ ही ऑक्सीजन हॉस्पिटल में मरीजों का रैंप बहुत फिसलनयुक्त था, जिससे मरीज या किसी के भी निकलने पर फिसलने से चोट लगने की आशंका अधिक थी. उसे सुधारने के निर्देश दिए गए हैं.