उत्तर प्रदेश

मथुरा पेट के कैंसर को जन्म दे सकते हैं क्षत्रिय सेब

SANTOSI TANDI
11 Oct 2023 6:12 AM GMT
मथुरा पेट के कैंसर को जन्म दे सकते हैं क्षत्रिय सेब
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जन्म दे सकते हैं क्षत्रिय सेब
उत्तरप्रदेश दिमाग और शरीर को हष्ट पुष्ट बनाने के लिए खाया जाने वाला सेब पेट के कैंसर को जन्म दे सकता है. सेब की चमक बढ़ाने को मोम व अन्य केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है जिससे पेट संबंधी बीमारियों के साथ कैंसर का खतरा बढ़ रहा है.
बाजार में सेब की उपलब्धता हर वक्त रहने लगी है. स्वस्थ्य लोग तो इसका सेवन कर ही रहे हैं, मरीजों को भी सेब खाने की सलाह दी जाती है. बाजार में इन दिनों ठेल-ढकेल वालों से लेकर दुकानों पर 80 से लेकर 120 रुपये प्रति किलो भाव से सेब की बिक्री हो रही है. ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सेब की चमक बनाई जा रही है. इस पर मोम और अन्य प्रकार के कैमिकल का प्रयोग हो रहा है. जब सेब को चाकू या अन्य किसी नुकीली वस्तु से खरोंचते हैं तो मोम जैसा पदार्थ निकलकर आता है. बच्चों के शरीर के लिए यह धीमी जहर का काम करता है. करीब एक माह पूर्व 250 रुपये प्रति किलो बिक रहे सेब पर भी केमिकल का प्रयोग किया जा रहा था. मंडी पर फल विक्रेता विजय कुमार ने बताया कि वह आगरा या दिल्ली की मंडी से फल लाते हैं. मंडी से ही ऐसा माल आ रहा है. सौ शैय्या अस्पताल के सीएमएस डा. देवेन्द्र प्रकाश सिंह का कहना है कि ग्राहकों को लुभाने के लिए सेब पर विशेष प्रकार के केमिकल को लगाया जा रहा है. यह सूक्ष्म मात्रा में पेट में जा रहा है जोकि खतरनाक साबित हो सकता है. इससे पेट के कैंसर की सम्भावना बन सकती है. लोगों को फल और सब्जियों को गर्म पानी से धोकर खाना चाहिए. अन्य खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि ज्यादातर बीमारियों खाद्य पदार्थों से ही हो रही हैं.
महामंथन में लगेंगे समाज को पंख विपिन डेविड
अखिल भारतीय लोधी लोध लोधा महासभा के दो दिवसीय महिला व युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन व राजनैतिक चिंतन शिविर का समापन हुआ. इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन कुमार वर्मा डेविड ने कहा कि यहां के महामंथन से लोधी समाज के विकास को पंख लगेंगे.
उन्होंने कहा कि इस समाज द्वारा राजनैतिक भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई है. इसमें संगठन विस्तार के लिए सदस्यता अभियान चलाने, शिक्षण गतिविधि के लिए रणनीति तैयार की है. नवोदय विद्यालयों में प्रवेश की निशुल्क कोचिंग क्लास बनाई है. केंद्र में लोधी समाज पिछड़े वर्ग में नहीं है जबकि महाराष्ट्र में पिछड़ा समाज पिछड़ा वर्ग में है. इसे लेकर 16 अक्टूबर को मुंबई में आयोग सुनवाई करेगी. शिक्षित युवाओं को व्यवसाय से जोड़ने की रणनीति बनाई है.
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