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Mathura: आत्मनिर्भर भारत के लिए भारतीय मानक ब्यूरो की अहम भूमिका
मथुरा: सूबे के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियानों को साकार करने में बीआईएस की बड़ी भूमिका रही. उन्होंने कहा कि बीआईएस ने 78 वर्षों में उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाने और उद्योगों के वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने में ऐतिहासिक योगदान दिया. संगीत नाटक अकादमी में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के स्टैंडर्ड कार्निवाल में उन्होंने उद्योगों को बीआईएस मानकों का पालन करने की सलाह दी.
इसके पूर्व उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की. कार्यक्रम में उद्योग जगत, शिक्षाविद, उपभोक्ता संगठन, एनजीओ और छात्र-छात्राएं शामिल हुए. नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया. इस मौके पर बीआईएस के शाखा प्रमुख सुधीर बिश्नोई ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट किया. एमएलसी रामचन्द्र प्रधान ने कहा कि बीआईएस उपभोक्ताओं की सुरक्षा के साथ उद्योगों और उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पाद बनाने में भी सहयोग करता है. बीआईएस के संयुक्त निदेशक चन्द्रकेश सिंह ने कहा, कि हमारा विभाग मानकों का सख्ती से पालन कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
कार्यक्रम में प्रमुख उद्योगों में बिरला अल्ट्राटेक, सुप्रीम इंडस्ट्रीज, ज्ञान डेयरी, हॉकिंस, एलिम्को, हैडिल्को, नाइन, आदि के प्रतिनिधियों ने अपने स्टॉल्स के माध्यम से जागरूक किया.
राजाजीपुरम की टंकी तोड़ने पर लगी रोक
जलकल के जीएम कुलदीप सिंह ने बताया कि जल निगम के इंजीनियर जोन दो के राजाजीपुरम में भी बिना सुरक्षा मानक का पालन किए टंकी तोड़ रहे थे. शिकायत मिलने के बाद मैं मौके पर गया था. इसके ध्वस्तीकरण पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जाएंगे.
एलडीए कालोनी कानपुर रोड के सेक्टर एफ में विशाल काय पानी की टंकी को ध्वस्त कराने में भारी लापरवाही बरती जा रही है. जल निगम के इंजीनियरों ने बिना सुरक्षा मानक व इंतजाम के टंकी को ध्वस्त कराने का काम शुरू कराया है. जलकल के जीएम कुलदीप सिंह के निर्देश पर मौके पर जांच करने पहुंचे जलकल के अधिशासी अभियन्ता सचिन सिंह को यहां काफी लापरवाही मिली हैं. मामले में उन्होंने जल निगम के अधिशासी अभियन्ता मनोज कुमार को कड़ा पत्र लिखा है.
पत्र में कहा है कि टंकी तोड़ने की जो प्रक्रिया अपनायी जा रही है वह जनहित में उचित नहीं है. उन्होंने इसके तोड़ने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया है. अपने पत्र में लिखा है कि इस प्रक्रिया में कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है. जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व जल निगम का होगा. उन्होंने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए ओवर हेड टैंक के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करते समय जनहित को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था करने को कहा है. ताकि जान माल की क्षति होने से लोगों को बचाया जा सके.