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Mathura: धोखाधड़ी में व्यापारी नेता कंछल का पुत्र गिरफ्तार
मथुरा: पूरी रकम लेकर जमीन का बैनामा नहीं करने और रुपए वापस मांगने पर पीड़ित को धमकी दिए जाने के मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने पूर्व सांसद व व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल के पुत्र अमित कंछल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उन्हें लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया है.
इदिरा नगर लखनऊ के रहने वाले रितुराज सिंह सिंह शिवरत बिल्डर्स एंड फैब्रिकेटर्स प्रालि के निदेशक हैं. नगर कोतवाली क्षेत्र बाराबंकी में अयोध्या रोड पर ग्राम बड़ेल में कंपनी प्लटिंग का काम कर रही है. प्लाटिंग विस्तार के लिए और जमीन की जरूरत थी. इसके लिए दिनेश सिंह निवासी निकट लाल कोठी लखपेड़ाबाग नगर कोतवाली उनसे मिले और अपने को एप्पल रियल इंफ्रामार्ट प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ का मैनेजर बताया था. उन्होंने जमीन देने का वादा किया और एप्पल रियल इंफ्रामार्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों अमित कंछल, करुणा मातनहेलिया, नीरज , निकुंज, अपर्णा अग्रवाल व मैनेजर दिनेश सिंह से दो पक्का बीघा का सौदा दो करोड़ 20 लाख में तय हुआ था. पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने रुपये ले लिए लेकिन जमीन का बैनामा नहीं किया.
पीड़ित ने बताया कि जब उसने जमीन बैनामा की बात कही तो विपक्षी दो करोड़ और डिमांड करने लगे. इस पर उसने अमित कंछल से मुलाकात कर अपने रुपये वापस मांगे. आरोप है कि अमित ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में नगर कोतावली पुलिस ने मुख्य आरोपी अमित कंछल को उनके लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया. अमित के पिता पूर्व सांसद भी हैं.
हरे पेड़ों की कटान पर हाईकोर्ट की रोक: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीतापुर की महमूदाबाद तहसील के मुस्तफाबाद गांव में हो रहे हरे व फलदार पेड़ों के कटान पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने एसडीएम महमूदाबाद का व्यक्तिगत हलफनामा तलब किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की खंडपीठ ने अवधेश कुमार व अन्य ग्रामवासियों की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया. याचियों का कहना है कि ग्राम सभा की जमीन है जो 2.44 हेक्टेयर की है. कहा गया कि उक्त जमीन पर हरे व फलदार वृक्ष लगे हैं जिन्हें नीलामी कर के कटवाया जा रहा है. तहसीलदार ने भेजी गई जानकारी में कहा गया कि ग्राम प्रधान ने जमीन पर गौशाला का निर्माण करवाया है और उसी जमीन पर चारा आदि की बुआई करना चाहता है इसलिए उक्त जमीन पर स्थित पेड़ों की नीलामी कराई गई व पेड़ों की कीमत 82 हजार 5 रुपये राखी गई.
इस पर न्यायालय ने पूछा कि इतने पेड़ों की लागत मात्र 82 हजार 5 रुपये कैसे तय की गई है और एसडीएम ने उक्त नीलामी को मंजूरी देते समय, पेड़ों के कटान के लिए क्या वन विभाग से अनुमति ली है. न्यायालय ने इन सभी बिंदुओं पर जवाब डटे हुए, एसडीएम को व्यक्तिगत हल़फनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.