उत्तर प्रदेश

Mathura फिंकने के कगार पर 50 हजार टन आलू,कम कीमत के चलते किसान नहीं निकाल रहे आलू

SANTOSI TANDI
7 Oct 2023 6:03 AM GMT
Mathura  फिंकने के कगार पर 50 हजार टन आलू,कम कीमत के चलते किसान नहीं निकाल रहे आलू
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कगार पर 50 हजार टन आलू,कम कीमत के चलते किसान नहीं निकाल रहे आलू
उत्तरप्रदेश आलू की बंपर पैदावार के चलते अभी तक शीतगृहों से आलू की आधी ही निकासी हो सकी है. ऐसी स्थिति को देखते हुए 10 प्रतिशत से ज्यादा फिंकने के कगार पर है. इससे परेशान किसान अभी आलू की कीमत बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.
जनपद के 46 शीतगृहों में इस वर्ष करीब 3.7 लाख मीट्रिक टन आलू का भंडारण हुआ है. इन्हें 30 नवंबर से पहले ही शीतगृहों से निकालना है. वहीं शीतगृह संचालक किसानों से के अंत तक ही आलू की निकासी करा लेते हैं. इसके आलू नहीं निकालने वाले किसानों के आलू मंडियों में बेचकर उससे अपना किराया वसूल करते हैं. इस बार आरंभ होने के बाद भी 50 प्रतिशत से ज्यादा आलू शीतगृहों में रखा हुआ है. बाजार में कम कीमत के चलते किसान इसकी निकासी नहीं करा रहे हैं. वहीं शीतगृह संचालक किसानों पर आलू की निकासी के लिए दबाब बना रहे हैं. अभी भी शीतगृहों में करीब 1.7 लाख मीट्रिक टन आलू रखा हुआ है. एक माह के अंदर इसकी निकासी किसान और शीतगृह संचालकों के लिए चुनौती बनी हुई है.
फिंकेगा 40-50 हजार टन आलू यदि शीतगृहों से आलू की समय से निकासी नहीं हुई तो शीतगृह संचालकों को बाकी बचा आलू फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. यदि निकासी हो भी गई तो भी करीब 40-50 हजार मीट्रिक टन आलू फैंकने को मजबूर होना पड़ सकता है.
15 दिन में आएगा नया आलू
जनपद में आलू की नई पैदावार मंडियों तक आने में हालांकि एक से डेढ माह का समय लगने की संभावना है. जबकि पंजाब, हिमाचल एवं फरुखाबाद, कन्नौज आदि क्षेत्रों से अगैती आलू की फसल यहां 15 दिन बाद से आना शुरु हो जाएगा.
जिले के शीतगृहों में भंडारित आलू में से अब तक आधे ही आलू की निकासी हो सकी है. पूरे आलू की समय रहते निकासी संभव नहीं दिख रही है. यहां इससे इस बार निश्चित ही करीब 10 प्रतिशत आलू फैंकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

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