उत्तर प्रदेश

नेताजी के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से लोग दे रहे थे विदाई

Shantanu Roy
11 Oct 2022 12:14 PM GMT
नेताजी के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों से लोग दे रहे थे विदाई
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बड़ी खबर
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक और उत्तर के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए नुमाइश पंडाल में रखा गया है। कुछ ही समय बात उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके पहले उनके अंतिम दर्शन के लिए सत्ता पक्ष, विपक्ष और समाजवादी समर्थकों जन सैलाब उमड़ पड़ा है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी नेताजी के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची उन्होंने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। अब उनका शव अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़ा है। कुछ ही समय बाद मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे। मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव, पत्नी डिंपल समेत पूरा यादव कुनबा उनके अंतिम संस्कार से पहले नम आंखों से विदाई दी। बता दें कि भारतीय राजनीति में जमीनी नेताओं में शुमार 'धरतीपुत्र' और 'नेताजी' का उपनाम पाने वाले मुलायम सिंह यादव का निधन मेदांता के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है। आज उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम संस्कार होगा।
जसवंतनगर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव का उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में उनकी खांटी राजनीति के कारण 'धरती पुत्र' की संज्ञा दी जाती है। उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं। 22 नवंबर, 1939 को इटावा के सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव के पिता एक पहलवान थे और मुलायम सिंह को भी वह पहलवान बनाना चाहते थे। हालांकि मुलायम सिंह पहलवानी के कारण ही राजनीति में आए। दरअसल मुलायम सिंह यादव के राजनैतिक गुरु नत्थूसिंह मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान मुलायम से काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं से मुलायम सिंह यादव का राजनैतिक करियर शुरु हो गया। मुलायम सिंह यादव साल 1967 में इटावा की जसवंतनगर विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। बता दें कि मुलायम सिंह यादव अपने पांच भाई-बहनों में रतनसिंह यादव से छोटे व अभयराम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। प्रोफेसर रामगोपाल यादव इनके चचेरे भाई हैं।। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (एम०ए०) और बी० टी० करने के उपरान्त इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए और सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।
राजनीतिक जीवन
मुलायम सिंह उत्तर भारत के बड़े समाजवादी और किसान नेता रहे। एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेने वाले मुलायम सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन उत्तर प्रदेश में विधायक के रूप में शुरू किया। बहुत कम समय में ही मुलायम सिंह का प्रभाव पूरे उत्तर प्रदेश में नज़र आने लगा। मुलायम सिंह ने यूपी में अन्य पिछड़ा वर्ग समाज का सामाजिक स्तर को ऊपर करने में महत्वपूर्ण कार्य किया। समाजवादी नेता रामसेवक यादव के प्रमुख अनुयायी (शिष्य) थे और इन्हीं के आशीर्वाद से मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री बने। मुलायम सिंह के निधन के बाद उत्तर प्रदेश सराकर ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
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