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लखनऊ – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि कार्य में सुगमता और व्यवस्था की सहजता के मद्देनजर विभागों के पुनर्गठन पर विचार करना चाहिए।
श्री योगी ने सचिवालय प्रशासन विभाग की समीक्षा की और कहा कि कार्य में सुगमता और व्यवस्था की सहजता के दृष्टिगत हमें विभागों के पुनर्गठन पर विचार करना चाहिए। वर्तमान में सचिवालय प्रशासन 93 विभागों के प्रबंधन का कार्य कर रहा है। एक जैसी प्रकृति वाले विभागों को एकीकृत करने की आवश्यकता है। इससे न केवल कामकाज सरल होगा, बल्कि कार्मिकों की प्रतिभा का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय भवनों में आम आदमी को उनके प्रकरण के संबंध में जानकारी लेने, कोई शिकायती पत्र देने अथवा किसी अन्य प्रकार की सहायता के लिए सचिवालय भवनों में हेल्प डेस्क बनाया जाए। यह हेल्प डेस्क मुख्य परिसर से बाहर हो, ताकि आम आदमी के आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होने कहा कि सचिवालय में ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। फाइलों के निस्तारण समय सीमा के भीतर हो। यह सुनिश्चित करें कि हर कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित हो और तय समय के बाद ही कार्यालय छोड़े।
श्री योगी ने कहा कि सचिवालय सेवा के रिक्त पदों पर नियुक्ति में देर न हो। रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए बिना विलंब अधियाचन भेजें। पदोन्नति शासकीय सेवा का अनिवार्य हिस्सा है। हर कर्मचारी को नियत समय पर इसका लाभ मिलना ही चाहिए। पदोन्नति की प्रक्रिया अनावश्यक लंबित न रखी जाए। स्थानांतरण नीति का पूरी पारदर्शिता के साथ अनुपालन करें।
उन्होने कहा कि बदलते समय के साथ कार्मिकों की क्षमता का बेहतर उपयोग के लिए नियमित अंतराल पर क्षमता अभिवृद्धि कार्यक्रम आयोजित करें। प्रशिक्षण से कार्मिकों का कौशल बढ़ेगा और कामकाज बेहतर हो सकेगा। सचिवालय भवनों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हों। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि एक भी व्यक्ति बिना विधिवत अनुमति के सचिवालय परिसर में प्रवेश न करे। सीसीटीवी के माध्यम से पूरी निगरानी की जाए।