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उत्तर प्रदेश
ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए प्रबंधन दोषी, ऊर्जा मंत्री करें हस्तक्षेप: शैलेन्द्र दुबे
Shantanu Roy
19 Nov 2022 11:06 AM GMT

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बड़ी खबर
लखनऊ। ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस मामले के समाधान के लिये ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने 27 अक्टूबर को प्रबंधन को समस्याओं के समाधान के लिये पत्र दे दिया था लेकिन आज तक समस्याओं पर ऊर्जा निगमों के चेयरमैन ने वार्ता की कोई पहल नहीं की इसके विपरीत ऊर्जा निगम प्रबंधन द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि बातचीत के लिए संगठन तैयार नहीं है जो पूरी तरह असत्य है।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर सार्थक पहल करें जिससे बातचीत की मेज पर समस्याओं का समाधान हो सके और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव न हो। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज बताया कि 27 अक्टूबर को संघर्ष समिति की नोटिस देने के बाद नौ नवंबर को संघर्ष समिति को पत्र लिखकर प्रबंध निदेशक और कारपोरेशन ने बातचीत के लिए बुलाया था। यह बातचीत विफल रही क्योंकि लगभग सभी बिंदुओं पर प्रबंध निदेशक के द्वारा यह बताया गया कि वह इन समस्याओं का समाधान करने के लिये सक्षम अधिकारी नहीं हैं।
संघर्ष समिति की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया था कि समिति बातचीत के जरिये समस्याओं के समाधान का पक्षधर है और सक्षम अधिकारी अर्थात चेयरमैन को बात करनी चाहिए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 22 नवंबर से नियमानुसार कार्य आंदोलन करेंगे और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा जिसका सारा दायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।
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