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लखनऊ, (आईएएनएस)| वर्ष 2025 में होने वाला महाकुंभ भव्यता में अद्वितीय होगा और इसमें 'नए भारत' के 'नए उत्तर प्रदेश' का भी प्रदर्शन होगा। यह राज्य की प्रशासनिक क्षमता, समृद्ध संस्कृति और पर्यटन की संभावनाओं को प्रदर्शित करेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 2025 में आयोजन का प्रबंधन इतना अच्छा होना चाहिए कि राज्य 2019 के कुंभ के दौरान अपनी उपलब्धियों को पीछे छोड़ दे।
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे आयोजन से संबंधित निविदा कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समय-सीमा का पालन करने की आवश्यकता पर ध्यान दें। उन्होंने निर्देश दिया है कि संभागीय आयुक्त के अधीन एक समिति गठित की जाए, जो साप्ताहिक आधार पर परियोजनाओं की निगरानी करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहली बार कुंभ 2019 को नया लोगो दिया गया। 450 साल से बंद अक्षयवट और सरस्वती कूप को दर्शन के लिए खोला गया। 24 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों ने गंगा नदी में डुबकी लगाई। प्रयागराज कुंभ-2019 में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और 70 देशों के राजदूत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति और 3,200 से अधिक एनआरआई आए।
मेगा आयोजन के दौरान उचित स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, मुख्यमंत्री ने कहा कि शौचालयों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और सफाई कर्मचारियों के रहने और पारिश्रमिक को सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की जानी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को घाटों की संख्या के साथ-साथ घाटों की लंबाई बढ़ाने के भी निर्देश दिए। गंगा निर्मल और अविरल बहती रहे इसके लिए बिजनौर से लेकर प्रयागराज तक के सभी जिलों में नदी स्वच्छता की चल रही परियोजनाओं को पूरा करने की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
समय पर राशि जारी करने के लिए वित्त विभाग से समन्वय बनाकर रखा जाएगा ताकि किसी भी कार्य में विलंब न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के लिए आगजनी और आपदा की घटनाओं की स्थिति में पर्याप्त प्रबंधन की व्यवस्था की जानी चाहिए। बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए पुलिस के पास अग्निशमन उपकरण, आतंकवाद-रोधी निगरानी, सामान की जांच करने वाले उपकरण, नदी पर बैरिकेडिंग आदि की पहुंच होनी चाहिए।
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