उत्तर प्रदेश

संगम के तट पर अद्भुत होगा 2025 का महाकुम्भ, बनेंगे तीन घाट, मंदिरों में वैदिक युग का होगा एहसास

Renuka Sahu
25 Jun 2022 4:24 AM GMT
Mahakumbh of 2025 will be amazing on the banks of Sangam, three ghats will be built, Vedic age will be realized in temples
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फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 2019 का दिव्य और भव्य कुम्भ देख चुके लोग वर्ष 2025 में होने वाले महाकुम्भ में अलौकिक छटा के गवाह बनेंगे। कुम्भ मेला 2025 को और भी भव्य रूप देने के लिए सरकारी अमला तैयार हो गया है। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए महाकुम्भ 2025 की तैयारियां जानीं। अफसरों ने बताया कि पहले चरण का खाका लगभग तैयार है, जिसे इसी महीने के आखिर तक शासन को भेजा जाएगा। कुम्भ मेला 2019 स्वच्छता के लिए देश और दुनिया में जाना गया। वहीं कुम्भ 2025 से पहले गंगा की अविरल धारा के लिए काम किया जाएगा। प्रयागराज में गंगा में 32 नाले मिलते हैं, जिनकी मेले के दौरान टैपिंग होती है, लेकिन आम दिनों में नहीं। अब प्रशासनिक अमला इसकी स्थायी टैपिंग के लिए काम शुरू कर चुका है।

मंदिरों में पहुंचने पर होगा वैदिक युग का एहसास
कुम्भ मेला 2019 में प्रयागराज और पूरे देश की जनता को अक्षयवट तक पहुंचने की सौगात मिली थी। इस बार प्रयागराज मेला प्राधिकरण ऐसा खाका बना रहा है कि यहां के मंदिरों में पहुंचने के बाद वैदिक युग का एहसास हो। यानी प्राचीन मंदिरों में यज्ञ शाला होगी तो एक ओर गोशाला भी। सत्संग और प्रवचन के लिए स्थान होगा तो एक हिस्सा आश्रम के रूप में दिखाई देगा। साथ ही सभी मंदिरों की आपस में कनेक्टिविटी का प्लान भी बनाया गया है।
तीन घाट पर मंथन
कुम्भ-2025 मे तीन घाट बनाने पर मंथन हो रहा है। तीनों घाट संगम क्षेत्र के हैं। दारागंज में दशाश्वमेध घाट बनाने की घोषणा हो चुकी है। किला और अरैल घाट के लिए सिंचाई विभाग योजना बना रहा है। दशाश्वमेध घाट की योजना प्रयागराज विकास प्राधिकरण बना रहा है। पर्यटन विभाग ने घाट बनाने के लिए कहा है। मंडलायुक्त, संजय गोयल ने कहा कि कुम्भ मेला 2025 हमारे लिए अति महत्वपूर्ण है। इसे लेकर तैयारी की जा रही है। बहुत सी योजनाओं का खाका तैयार हो चुका है। इसका एक प्रारूप जल्द शासन को भेजा जाएगा।
ग्रीन प्रयागराज की झलक
मेले से पहले पीडीए को ऐसा प्लान तैयार करने को कहा गया है कि ग्रीन प्रयागराज की झलक दिखाई दे। इसके लिए शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गों का चयन हो गया है। यहां पर सड़क के दोनों ओर या डिवाइडर में फलदार छांव वाले पौधे रोपे जाएंगे। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ढाई साल बचा है। ऐसे में तैयारियों को अभी ही अंतिम रूप दें।

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