उत्तर प्रदेश

हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है मां विंध्यवासिनी मंदिर, नवरात्र के पहले दिन उमड़ा भक्तों का जनसैलाब

Shantanu Roy
26 Sep 2022 10:05 AM GMT
हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है मां विंध्यवासिनी मंदिर, नवरात्र के पहले दिन उमड़ा भक्तों का जनसैलाब
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मिर्जापुर। आज से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया है। विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में स्थित मां विंध्यवासिनी के दरबार में भी आधी रात से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। मंगला आरती के बाद से श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं। माँ के दर्शन के लिए लाइन में लगकर भक्त माँ का जैकारा लगाते हुए माँ के धाम में पहुंच रहे है। पूरा मंदिर परिसर शंख, घंटा ,घड़ियाल,से गुंजायमान हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त माँ के दरबार में अपनी मनोकामना ले कर आते है माँ सभी भक्तो की मुरादे पूरी करती है। यह नवरात्रि पूरे 9 दिन का है और देश भर से लाखो भक्त नौ दिन माँ का दर्शन करेगे। निर्माणाधीन विंध्य कॉरिडोर का कार्य चल रहा है। मां विंध्यवासिनी दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार सब कुछ बदला नजर आ रहा होगा। भक्तों की सुरक्षा को देखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन 21 सेक्टर में बांटा गया है। कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं।
त्रिकोण मार्ग पर चलकर भक्त करते है देवी मंदिरों का दर्शन
मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। देश के 51 शक्तिपीठों में से एक विंध्याचल की देवी माँ विंध्यवासिनी हैं। विंध्याचल की पहाड़ियों में गंगा की पवित्र धाराओं के पास बसी हैं। मां विंध्यवासिनी, महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती के रूप में विराजमान हैं। तीन किलोमीटर के दायरे में तीनों देवियां विराजमान हैं। केन्द्र में मां विंध्यवासिनी हैं, इसके बाद कालीखोह पहाड़ी पर महाकाली और अष्टभुजा पहाड़ी पर अष्टभुजी देवी विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है कि तीनों देवियों के दर्शन किए बिना विंध्याचल की यात्रा अधूरी मानी जाती है। इसलिए जो भी श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी के दरबार में आता है वो त्रिकोण मार्ग पर चलकर तीनों देवी मंदिरों का दर्शन करता है। शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो गया है, मंगला आरती के बाद से ही विंध्याचल धाम में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं।
थाईलैंड और देश के कई हिस्सों से फूल मंगाकर सजाया मंदिर
मां विंध्यवासिनी मंदिर के साथ ही मां कालीखोह और मां अष्टभुजा मंदिर को पहली बार विदेशी फूलों से सजाया गया है। थाईलैंड के साथ ही देश के कई हिस्सों से आकर्षक फूलों को मंगाकर सजाया गया हैं। कोलकाता और बुलंदशहर के कारीगरों ने तीनों मंदिर परिसर को फूलों से सजावट की हैं। दरबार में पहली बार विदेशी फूलों के सजावट किए जाने पर श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोग खुश नजर आ रहे हैं।
प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
नौ दिन तक चलने वाले मेले में सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। नवरात्रि मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ होने की आशंका को देखते हुए मेला की मुकम्मल व्यवस्था जिला प्रशासन ने की हैं। पूरे मेला क्षेत्र को 10 जोन और 21 सेक्टरों में बांटा गया है। सभी जोनों में जोनल मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। मेला क्षेत्र में से अधिक भीड़ एकत्र न हो सके, इसके लिए जगह-जगह बैरियर लगाये गए हैं। इसके आलवा मेला क्षेत्र की निगरानी ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से की जा रही हैं। मेला सुरक्षा में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ ही दो हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। साथ ही सिविल पुलिस, जल पुलिस, यातायात पुलिस और घुड़सवार पुलिस के साथ ​​खुफिया एजेंसी के जवान भी तैनात हैं।
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