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लखनऊ: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए जेसीपी कानून व्यवस्था ने ट्रैफिक पुलिस के अफसरों के साथ निरीक्षण कर एक प्रस्ताव नगर आयुक्त को भेजा है. इसमें 37 चौराहों-तिराहों को नो वेंडिंग जोन घोषित करने का सुझाव दिया है. 64 चौराहों-तिराहों पर 100 मी. दायरे में ऑटो, ई-रिक्शा का ठहराव प्रतिबंधित करने के लिए लाल पट्टी खींची जाएगी. इसके आगे ही सवारियां बैठाई-उतारी जाएंगी. साथ ही इस लाइन के आगे ही दुकानें लगेंगी. 35 ऐसे चौड़े मार्ग भी तय किए गए हैं, जहां सफेद पट्टी खींच कर उनके अंदर ही ऑटो-ई रिक्शा खड़े कराए जाएंगे. कई जगहों से वेंडिंग जोन खत्म करने की भी सिफारिश है.
जेसीपी उपेन्द्र अग्रवाल के प्रस्ताव में लिखा है कि जाम और कुछ जगह धीमे ट्रैफिक पर कई बैठकें की र्गइं पर अभी सही नतीजे नहीं दिखे हैं. प्रमुख चौराहों और स्थानों के निरीक्षण के बाद पाया गया कि कुछ जगह अचानक ट्रैफिक बाधित होता है, जबकि अधिकतर जगह अतिक्रमण, ऑटो-ई रिक्शा, स्ट्रीट वेंडर के बेतरतीब खड़े होने से ट्रैफिक फंसता है.
स्ट्रीट वेंडर जाम की वजह पटरी दुकानदार (स्ट्रीट वेंडर) भी जाम की मुख्य वजह हैं. पिछली तीन बैठकों में कहा गया था कि कोई नए वेंडिग जोन स्वीकृत नहीं हुए हैं, जबकि तय हुआ था कि घोषित वेंडिंग जोन ही मान्य होंगे.
वेंडिंग जोन बढ़ाए जाएं वर्तमान में वेंडिंग जोन की क्षमता 11200 है. 189 वेंडिंग जोन में 5650 वेंडर को ही लाइसेंस है. अवैध वेंडिंग जोन 97 हैं. प्रस्ताव में यह संख्या अपर्याप्त बताई गई, क्योंकि निगम क्षेत्र में एक लाख से अधिक वेंडर हैं.
कलर कोडिंग वेंडिग जोन हों नगर निगम को आठ जोन में बांटें और इनके लिए आठ रंग निर्धारित करें. इसमें आने वाले वेंडर को इसी रंग का परिचय पत्र भी दिया जाए, ताकि वेंडर अपने जोन में ही रहें.
कुछ प्रस्तावित नो वेंडिंग जोन
चारबाग मेट्रो के नीचे, रायल चौराहे से राणा प्रताप चौरहा तक, कैसरबाग बस अड्डा चौराहा के पास, पीजीआई तिराहे से उत्तरेठिया चौराहा, इंजीनियरिंग चौराहे से राम-राम बैंक चौराहा, टेढ़ी पुलिया चौराहा, बीकेटी अस्ती क्रासिंग तिराहा के पास, मड़ियांव ढाल पर, पुरनिया रेलवे क्रासिंग के पास, जगरानी तिराहा, अवध चौराहे से मानकनगर पुल तक, ट्रांसपोर्ट नगर से कानपुर शहीद पथ तक, निशातगंज, स्कूटर इंडिया तिराहे से गौरी बाजार तक, बादशाहनगर, आईटी चौराहा, कमता, चिनहट तिराहा, बीबीडी तिराहा,मिठाईवाला तिराहा, पत्रकारपुरम चौराहा, हुसड़िया चौराहा, हनीमैन चौराहा, दुबग्गा से छन्दोईया तिराहा, मेडिकल कालेज चौराहा से चरक चौराहे तक, शाहमीना तिराहे से मेडिकल चौराहे तक
जाम की मुख्य वजहें
● कई स्थानों पर अचानक ट्रैफिक रुकता है तो पुलिस भेजी जाती है पर वह अचानक ही अतिक्रमण व वेंडर को हटा नहीं पाती
● अतिक्रमण का मुद्दा कई बैठकों में उठा लेकिन सख्त कार्रवाई न होने से सब जस के तस ही हैं
● ई-रिक्शा के लिए परमिट की व्यवस्था नहीं की गई
● 45 हजार से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं, इनके रजिस्ट्रेशन पर रोक नहीं लगी
अन्य सुझाव
● प्रमुख चौराहों पर 100 मी की दूरी पर लाल पट्टी खींच ग्रिल लगाएं, जिससे चौराहों पर ई-रिक्शा व स्ट्रीट वेंडर न खड़े न हों
● ई-रिक्शा के लिए भी स्टैण्ड बनें सम्भव हो तो सरकारी भूमि पर ये स्टैण्ड बनाए जाएं
● कुछ स्थान नो वेंडिंग जोन घोषित हों, वेंडिंग जोन की क्षमता से अधिक लाइसेंस न बनाए जाएं. जरूरत पड़े तो लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस दिए जाएं