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Lucknow: डिफेंस कॉरिडोर को लेकर योगी सरकार सक्रिय, एक्शन की तैयारी

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर में डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट (Defense Corridor Project) के लिए जमीन खरीद में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर जांच कर रही राजस्व परिषद (Revenue Council) ने अपनी रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया 16 अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। इन अधिकारियों में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश (IAS officer Abhishek Prakash) का नाम भी शामिल है, जो पहले से ही एक निवेशक से पांच प्रतिशत रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं।
सरकार अब इन सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। नियुक्ति विभाग ने सभी पर विभागीय कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जांच के दायरे में आए सभी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजने के साथ ही भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई (रिकवरी) करने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि किस अधिकारी की गलती से सरकारी खजाने को कितना नुकसान हुआ, उसी हिसाब से उनसे वसूली भी की जा सकती है।
डिफेंस कॉरिडोर परियोजना (Defense Corridor Project) सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इस परियोजना के तहत लखनऊ, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट, कानपुर और आगरा में डिफेंस इंडस्ट्रियल पार्क (Defense Industrial Park) बनाए जा रहे हैं। लखनऊ में जमीन खरीद के दौरान कई अफसरों ने नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से मुआवजा बांटा और सरकारी धन को चूना लगाया।
हाईकोर्ट से स्टे लेकर नौकरी रहे दो अफसर: जानकारी के मुताबिक,जांच के दायरे में आए दो पीसीएस अधिकारी फिलहाल हाईकोर्ट से स्टे लेकर नौकरी कर रहे हैं। अब सरकार उनके खिलाफ भी निलंबन और कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। जो अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनकी पेंशन रोकने और अन्य दंडात्मक कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।
इस पूरे मामले में मिली जानकारी के मुताबिक सबसे अहम आरोपी आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) पर जल्द ही रिकवरी नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही जिन अधिकारियों ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है, उनके खिलाफ मुकदमा तेज करने के लिए कोर्ट में प्रभावी पैरवी की जाएगी। डिफेंस कॉरिडोर (Defense Corridor) जैसे राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट में घोटाले को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों पर जल्द ही कड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी।
