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Lucknow: रिटायर अफसर को डिजिटल अरेस्ट करके लाखो रुपए हड़पे
लखनऊ: खुद को सीबीआई और एनआईए अफसर बताकर ठगों ने एक रिटायर पीडब्ल्यूडी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लिया. ठगों ने फोन पर धमकाते हुए कहाकि दिल्ली से कंबोडिया भेजे गए उनके नाम से बुक पार्सल में पासपोर्ट और एटीएम कार्ड मिले हैं. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक है. इसके बाद फर्जी अफसरों ने दहशत में आए पीड़ित से एक खाते में लाख रुपये जमा कराए. अतिरिक्त रुपये मांगे जाने पर उन्हें शक हुआ. पीड़ित ने दो मार्च को गाजीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था. साइबर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को देर रात आगरा से गिरफ्तार किया है. ठगों ने वृद्ध के अलावा करीब 39 लोगों से एक करोड़ 68 लाख हड़पे थे.
रिटायर अधिकारी निरंजन को ठगों ने सबसे पहले कस्टम अधिकारी बनकर कॉल की. उन्हें बताया गया कि कंबोडिया भेजे गए पार्सल में कुछ गलत चीजें मिली हैं. निरंजन के खिलाफ दिल्ली नार्थ थाने में मनी लांड्रिंग का मुकदमा लिखा गया है. उन्हें गिरफ्तार करने के लिए टीम रवाना हो रही है. इसके बाद यशदीप मावी ने निरंजन को व्हाटसएप कॉल कर डिजिटल अरेस्ट होने की जानकारी दी. कहा कि एनआईए अधिकारी विक्रम गोस्वामी आपको कॉल करेंगे. जिनके बताए खाते में रुपये भेज दिए. जिससे पता चलेगा कि आप मनी लांड्रिंग में हैं कि नहीं. फिर निरंजन से साईं टेंट हाउस नाम से खुले खाते में लाख जमा करा लिए. इंस्पेक्टर साइबर थाना बृजेश यादव ने बताया कि इंडसइंड बैंक अकाउंट में रुपये जमा हुए थे.
क्या है डिजिटल अरेस्ट: इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों का एक तरीका है. जिसमें देश विरोधी गतिविधि, मनी लांड्रिंग या किसी मुकदमे में फंसाने का दावा कर दबाव बनाया जाता है. जिसके बाद खाते में रुपये जमा कराए जाते हैं. ऐसी कॉल आने पर सतर्क हो जाएं. पुलिस से सम्पर्क करें या 19 साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.