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Lucknow: राहुल गांधी को केवल बुरे वक्त में याद आते हैं दलित-पिछड़े: बसपा सुप्रीमो मायावती
लखनऊ: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के महाराष्ट्र के हिंसा प्रभावित परभणी दौरे को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने निशाना साधा। उन्होंने इसे घड़ियाली आंसू करार देते हुए कहा कि बाबासाहेब के जीते जी और उनके निधन के बाद भी कांग्रेस का उनके व उनके अनुयायियों के प्रति रवैया हमेशा जातिवादी व तिरस्कारी रहा है।
उन्होंने कहा कि इनको दलित-पिछड़ों की याद केवल इनके बुरे वक्त में आती है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारतीय संविधान के मूल निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अनादर/अपमान व उनके करोड़ों अनुयायियों के प्रति हीन भावना का दुखद परिणाम है कि परभणी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई। साबित है कि कांग्रेस व भाजपा आदि कोई इनका सच्चा हितैषी नहीं सबकी नियत, नीति में खोट है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”परभणी घटना को लेकर कांग्रेसी नेता का आज का दौरा घड़ियाली आंसू है, क्योंकि बाबा साहेब के रहते हुए व उनके देहांत के बाद भी कांग्रेस का उनके और उनके अनुयायियों के हित व कल्याण के प्रति रवैया हमेशा जातिवादी व तिरस्कारी रहा है। इनको दलित-पिछड़ों की याद केवल इनके बुरे वक्त में आती है।” पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा, ” इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री से संसद में बाबा साहेब विरोधी टिप्पणी को वापस लेने की मांग को लेकर बीएसपी द्वारा कल देश भर में जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की सर्व समाज से अपील है। बाबा साहेब के नाम पर छलावा पूर्ण राजनीति करने वालों से सावधानी जरूरी है।”
उन्होंने आखिरी पोस्ट में लिखा, ”बीएसपी का अंबेडकरवादी आत्मसम्मान का मूवमेंट ‘बहुजन समाज’ को वोट के माध्यम से शासक वर्ग बनाने का राजनीतिक मिशन है, जबकि दूसरी पार्टियां केवल इनके वोटों के स्वार्थ की खातिर अंबेडकरवादी होने का ढोंग करती रहती हैं। दलित/बहुजन के हितों में इनके मुंह में राम बगल में छुरी जैसा है।” गौरतलब है कि महाराष्ट्र के परभणी में 10 दिसंबर की शाम को बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद हिंसा भड़क उठी गई थी। राहुल गांधी सोमवार को यहां जा रहे हैं। वह इस दौरान कथित हिंसा में मारे गए सोमनाथ सूर्यवंशी और विजय वाकोडे के परिवार से मिलेंगे।