- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- Lucknow: विधायक पल्लवी...
Lucknow: विधायक पल्लवी पटेल ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे दिया धरना
लखनऊ: अपना दल (कमेरावादी) विधायक पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुये सोमवार को विधान परिसर में धरना दिया।
पल्लवी पटेल का कहना है कि उन्होने आज शुरु हुये शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष से प्राविधिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चर्चा की अनुमति मांगी थी जिसे नकार दिया गया। उन्होने कहा कि जब सदन में चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती है तो सड़के खाली है,वह अपनी बात वहां उठायेंगी।
चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के नीचे बैठी विधायक को वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने समझा बुझा कर हटाने का प्रयास किया मगर वह नहीं मानी। देर रात संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना उन्हे मनाने विधानभवन पहुंचे।
पल्लवी पटेल का आरोप है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर करीब 250 अपात्रों को पदोन्नति दी गयी जिससे पिछड़ों के हक मारे गये। उन्होने कहा कि नियमो काे ताक में रख कर पदोन्नति पुरानी नियमावली से की गयी जबकि वेतन नई नियमावली के अनुसार दिया गया जिससे राजस्व पर करोड़ों का बोझ पड़ा। अगर आयोग से यह सीधी भर्ती होती तो नियमानुसार पिछड़ों और दलितों को आरक्षण का लाभ मिलता। उन्होने आरोप लगाया कि गलत तरीके से प्रमोशन पाने वाले सभी लोगों से 25-25 लाख रुपये घूस ली गयी है।
उन्होने कहा कि जब तक पदोन्नति में घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी,तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
गौरतलब है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग पल्लवी पटेल की बड़ी बहन एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल के पास है। इस मामले में पल्लवी ने सीधे तौर पर श्री पटेल का नाम नहीं लिया।
विधायक पल्लवी पटेल ने धरना खत्म होने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के एक विभाग में घोटाला हुआ है। हम चाहते थे कि इस घोटाले को लेकर सदन में चर्चा हो और सरकार इस पर जवाब दे, लेकिन आप सभी ने देखा कि सरकार ने मुझे सदन में बोलने तक नहीं दिया। मैं एक निर्वाचित सदस्य हूं और पिछड़े समाज से आती हूं।
मुझे सदन से बाहर तक जाने तक को कहा गया, जो असंवैधानिक है। उन्होंने कहा, “भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और हर विभाग में भरपूर घूसखोरी हो रही है। नियमावली और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के भ्रष्टाचार के दलदल में कमल खिला हुआ है। मैंने विभाग में हुए घोटाले को उठाया और मैं चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता तक यह मामला पहुंचे, मगर भाजपा नहीं चाहती कि उसका चाल, चरित्र और भ्रष्टाचार का उत्तर प्रदेश की जनता के सामने खुलासा हो।
“विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद नियमावली बनाई है, इसमें किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है। मंत्री कह रहे हैं कि हमने कमेटी गठित की है और उसने अनुमोदन किया है, जब नियमावली में किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है, तो कमेटी कहां से आ गई।
यह बात बहुत अच्छी है कि लखनऊ में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश निवास करते हैं। मेरी उनसे यही प्रार्थना है कि वह स्वयं इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें। इससे पहले पल्लवी पटेल ने सरकार पर “जनहित के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय अपने निजी हितों को साधने” का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।
पल्लवी पटेल का आरोप है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर करीब 250 अपात्रों को पदोन्नति दी गयी जिससे पिछड़ों के हक मारे गये। उन्होने कहा कि नियमो काे ताक में रख कर पदोन्नति पुरानी नियमावली से की गयी जबकि वेतन नई नियमावली के अनुसार दिया गया जिससे राजस्व पर करोड़ों का बोझ पड़ा। अगर आयोग से यह सीधी भर्ती होती तो नियमानुसार पिछड़ों और दलितों को आरक्षण का लाभ मिलता। उन्होने आरोप लगाया कि गलत तरीके प्रमोशन पाने वाले सभी लोगों से 25-25 लाख रुपये घूस ली गयी है।
उन्होने कहा कि जब तक पदोन्नति में घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी,तब तक उनका धरना जारी रहेगा।
गौरतलब है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग पल्लवी पटेल की बड़ी बहन एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल के पास है। इस मामले में पल्लवी ने सीधे तौर पर श्री पटेल का नाम नहीं लिया।