उत्तर प्रदेश

Lucknow: राजधानी से शुरू हुआ 47 जिलों में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान ,इलाज निःशुल्क

Tara Tandi
3 Sep 2024 9:04 AM GMT
Lucknow: राजधानी से शुरू हुआ 47 जिलों में कुष्ठ रोगी खोजी अभियान ,इलाज निःशुल्क
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Lucknow लखनऊ : राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कैसरबाग स्थित सीएचसी रेडक्रॉस से कुष्ठ रोगी खोजी अभियान सोमवार से शुरू हो गया । इस मौके पर विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा ने जागरूकता रैली को हरी झंडी देकर रवाना किया। परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र लिखकर अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।
राज्य कुष्ठ अधिकारी डॉ. जया देहलवी ने बताया कि साल 2027 तक कुष्ठ उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। राजधानी समेत प्रदेश के 47 जिलों में 14 दिवसीय अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान पोलियो की तर्ज पर चलेगा। स्वस्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की लक्षण के आधार पर जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि जिस घर में कुष्ठ रोगी की पहचान होगी, उस घर के आस- पास के 10 घरों में कुष्ठ रोग से बचाव की एक खुराक सभी को खिलाई जाएगी। इस अभियान में ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाते हुए रोगी की शीघ्र पहचान, जांच और इलाज किया जाता है।
कुष्ठ रोगी खोजी अभियान में 47 जनपदों की 15.56 करोड़ जनसंख्या को आच्छादित किये जाने का लक्ष्य है। यह अभियान सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाएगा। इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए 1,55, 575 टीम और 31,112 सुपरवाईजर बनाये गए हैं। एक टीम में दो लोग हैं।
राज्य कुष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 13,461 कुष्ठ रोगी हैं जिनका इलाज चल रहा है। कुष्ठ रोगियों का सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट (एमडीटी) के माध्यम से निःशुल्क इलाज किया जाता है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की करेक्टिव सर्जरी नि:शुल्क की जाती है और मरीज को इसके बदले 12,000 रुपए दिए जाते हैं।
संक्रामक रोग है कुष्ठ रोग
कुष्ठ ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। यह त्वचा के अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों को कमजोर करता है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर ताम्बई रंग के धब्बे दिखाई देते हैं जो कि सुन्न होते हैं। रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व शांति से होती है। यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है।
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